लोकतांत्रिक राजनीति 2 Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति 2

    जन-संघर्ष और आंदोलन Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 5 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान जन-संघर्ष और आंदोलन Chapter 5 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान जन-संघर्ष और आंदोलन Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH10018617

    दबाव-समूह और आंदोलन राजनीति को किस तरह प्रभावित करते हैं?

    Solution

    दबाव समूह और आंदोलन राजनीति को निम्नलिखित तरह प्रभावित करते है-
    (i) दबाव समूह और आंदोलन सरकार से अपनी बातें मनवाने हेतु हड़ताल और आंदोलन करके सरकार के कार्यविधि में बाँधा डालते है।
    (ii) विभिन्न दबाव समूह और आंदोलन अपने लक्ष्य की पूर्ति हेतु कई प्रकार के अभियान चलते है, बैठके आयोजित कर जनता का समर्थन पाने की कोशिश करते है। इस प्रकार राजनीति प्रभावित होती है।
    (iii) दबाव समूह अपनी बातों को जनता और सरकार तक पहुँचाने के लिए महंगे विज्ञापनों का साहरा भी लेते है और विपक्षी नेताओं को अपने पक्ष में करके उनसे भाषणबाजी भी करवाते है।

    Question 2
    CBSEHHISSH10018618

    दबाव-समूहों और राजनीतिक दलों के आपसी संबंधो का स्वरूप कैसा होता है, वर्णन करें।

    Solution

    दबाव-समूहों और राजनीतिक दलों के उद्देश्य भिन्न-भिन्न होते है। सामान्यतः दबाव समूहों का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं होता न ही वे देश की सत्ता पर अधिकार जमाना चाहते है। इसके विपरीत राजनीतिक दलों को मुख्य उद्देश्य देश की सत्ता पर अधिकार ज़माने का ही होता है। दबाव-समूहों और राजनीतिक दलों के आपसी सम्बन्ध कई रूप धारण कर सकते है। इसमें से कुछ प्रत्यक्ष और कुछ अप्रत्यक्ष भी होते है-
    (i) कई बार बड़े आंदोलन, राजनीतिक आंदोलन का रूप धारण कर लेते है इसके राजनीति में उथल-पुथल हो जाती है।
    (ii) कई बार दवाब-समूहों राजनीतिक दलों द्वारा ही बनाये जाते है। उनकी बागडोर राजनीतिक दलों के हाथों में होती है। ऐसी स्थिति में ये राजनीतिक राजनीतिक दलों के ही विस्तार के रूप में नज़र आते है।
    (iii) राजनीतिक दलों को कई बार दबाव-समूहों से नेता प्राप्त होते है।
    (iv) काफी विषयों में आंदोलन समूहों द्वारा नये मुद्दे उठाए जाते है जिनको प्रकारांतर में राजनीतिक दल अपना लेते है।

    Question 3
    CBSEHHISSH10018619

    दबाव-समूहों की गतिविधियाँ लोकतांत्रिक सरकार के कामकाज में कैसे उपयोगी होती है?

    Solution
    दबाव-समूहों की गतिविधियाँ लोकतांत्रिक सरकार के कामकाज में निम्नलिखित प्रकार से उपयोगी होती है:
    (i) आंदोलनों के माध्यम से आम जनता सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत करवाती है और कुछ विशेष वर्ग के दवाब में आने से रोकती है।
    (ii) दबाव-समूह सरकार को निरंकुश होने से रोकते हैं और लोकतंत्र को मजबूत करते हैं।
    (iii) दबाव-समूह सरकार को किसी एक हित में कानून बनाने से रोकते हैं।
    (iv) ये समाज के विभिन्न समुदयों में संतुलन बनाए रखते हैं।
    Question 4
    CBSEHHISSH10018620

    दबाव-समूह क्या है? कुछ उदाहरण बताइए।

    Solution

    दबाव समूह में लोग अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार की नीतियों को प्रभावित करते है। इसका निर्माण तब होता है जब समान इच्छा, हित या विचार वाले लोग समान उद्देश्य की पूर्ति के लिए एकजुट हो जाते है। उदाहरण के लिए:
    (i) किसान संघ- अखिल भारतीय किसान यूनियन
    (ii) छात्र संगठन- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्
    (iii) व्यापारी संघ- अखिल भारतीय व्यापार मण्डल
    (iv) अध्यापक संघ - अखिल भारतीय अध्यापक परिषद्

    Question 5
    CBSEHHISSH10018621

    दबाव-समूह और राजनीतिक दल में क्या अंतर है?

    Solution
    दबाव समूह और राजनीतिक समूहों में निम्नलिखित अंतर है-
    (i) राजनीतिक दल में अनेक नेता होते है जबकि दबाव समूहों का नेतृत्व केवल एक नेता द्वारा होता है।
    (ii) राजनीतिक दलों में कुछ चुने हुए लोग ही होते है जबकि दबाव समूहों में पूरा वर्ग शामिल होता है।
    (iii) राजनीतिक दल सत्ता में प्रत्यक्ष भूमिका निभाते है और सत्ता पर उनका नियंत्रण होता है इसके विपरीत दवाब समूहों में यह ताकत नहीं होती।
    (iv) राजनीतिक दलों के पास शक्ति होती है, इसकी जड़े गहरी होती है जबकि दबाव समूह केवल जनता की शक्ति पर निर्भर करता है।
    Question 6
    CBSEHHISSH10018622
    Question 11
    CBSEHHISSH10018627

    मेवात हरियाणा का सबसे पिछड़ा इलाका है। यह गुड़गाँव और फ़रीदाबाद जिले का हिस्सा हुआ करता था। मेवात के लोगों को लगा कि इस इलाके को अगर अलग ज़िला बना दिया जाय तो इस इलाके पर ज़्यादा ध्यान जाएगा।लेकिन, राजनीतिक दल इस बात पर कोई रुचि नहीं ले रहे थे। सन् 1996 में मेवात एजुकेशन एंड सोशल आर्गेनाईजेशन तथा मेवात साक्षरता समिति ने अलग ज़िला बनाने की माँग उठाई। बाद में सन् 2000 में मेवात विकास सभा की स्थापना हुई। इसने एक के बाद एक कई जन-जागरण अभियान चलाए। इससे बाध्य होकर बड़े दलों यानी कोंग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल को इस मुद्दे पर अपना समर्थन देना पड़ा। उन्होंने फ़रवरी 2005 में होने वाले विधान सभा के चुनावों से पहले ही कह दिया था कि नया ज़िला बना दिया जाएगा। नया ज़िला सन् 2005 की जुलाई में बना।
    इस उदाहरण में आपको आंदोलन, राजनीतिक दल और सरकार के बीच क्या रिश्ता नज़र आता है? क्या आप कोई ऐसा उदाहरण दे सकते हैं जो इससे अलग रिश्ता बताता हो?

    Solution
    उपरोक्त उदाहरण से स्पष्ट हो जाता है कि जब कोई आंदोलन जनता के हित में होता है और उसे व्यापक जन समर्थन भी प्राप्त होता है तब राजनीतिक दल को भी उसे स्वीकार करन पड़ता है। लोकतंत्र में जनमत की अवेहलना करना कठिन और हानिकारक होता है। इसलिए हरियाणा के अधिकांश राजनीतिक दल चुनाव से ठीक पहले ऐसी माँग का समर्थन करने पर मजबूर हुए। अत: एक राजनीतिक दल द्वारा इस माँग को पूरा किया गया।
    इस उदाहरण में आंदोलन, राजनीतिक दल और सरकार के बीच यह रिश्ता नज़र आता है। दबाव-समूह जनसमर्थन के साथ राजनीतिक दलों पर अपनी बात को मनवाने के लिए दवाब डाल सकते है। 
    नर्मदा बचाओ ऐसा ही एक अन्य आंदोलन का उदाहरण है। परन्तु जनता का समर्थन होने के बाद भी, राजनीतिक दलों की अलग-अलग राय होने के कारण इस माँग को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है।
    Question 12
    CBSEHHISSH10018685

    'दबाव-समूहों' का निर्माण कैसे होता है?

    Solution

    'दबाव-समूहों' का निर्माण -
    हित समूह अमूमन समाज के किसी खास हिस्से अथवा समूह के हितों को बढ़ावा देने के लिए संगठन बनाकर गतिविधियां करते हैं।

    Question 13
    CBSEHHISSH10018698

    नेपाल के आंदोलन और बोलिविया के जनसंघर्ष के बीच अंतर कीजिए।

    Solution

    नेपाल और बोलीविया आंदोलन में अंतर -
    (i) दोनों आन्दोलनों की कथाओं का संदर्भ बड़ा अलग है।
    (ii) नेपाल में चले आंदोलन कस लक्ष्य लोकतंत्र की स्थापना करना था जबकि बोलीविया के जनसंघर्ष में एक निर्वाचित लोकतान्त्रिक सरकार को जनता की मांग मानने के लिए था।
    (iii) बेलीविया का जनसंघर्ष एक विशेष नीति के खिलाफ था; जबकि नेपाल का संघर्ष देश की राजनीति की नींव ड़ालने से सम्बंधित था।

    Question 14
    CBSEHHISSH10018699

    दबाव समूह और आंदोलन; राजनीतिक को किस प्रकार प्रभावित करते हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    दबाव समूहों और आन्दोलनों का राजनीति का प्रभाव
    (i) दबाव समूह और आंदोलन अपने लक्ष्य की प्राप्ति के जनता का समर्थन और सहानुभूति प्राप्त करने के लिए प्रयास करते हैं। इसके लिए सूचना अभियान चलाना, बैठक आयोजित करना, अर्जी दायर करना आदि जैसे तरीकों का सहारा लेते हैं।
    अधिकतर समूह मिडिया को प्रभावित करते हैं।
    (ii) ऐसे समूह प्रायः हड़ताल अथवा सरकारी कामकाज में बाधा पहुँचाने जैसे उपायों का सहारा लेते हैं।
    (iii) कभी कभी आंदोलन राजनीतिक दल का रूप अपना लेते हैं।
    (iv) ऐसे समूहों के अधिकतर नेता राजनीति दलों के सक्रिय नेता होते हैं। ऐसे नेता राजनीति को प्रभावित करते हैं।
    (v) दबाव समूह अथवा आंदोलनकारी समूह के कुछ व्यक्ति सरकार को सलाह देने वाली समितियों और आधिकारिक निकायों में भाग लेते हैं।

    Question 15
    CBSEHHISSH10018704

    सन 1815 में 'वियना सम्मेलन' की मेजबानी किसने की? 'वियना संधि' के द्वारा किए गये प्रमुख परिवर्तनों का विश्लेषण कीजिए। 

    Solution

    सन 1815 में 'वियना सम्मेलन' की मेजबानी डयूक मैटरनिख ने की।
    'वियना संधि' के द्वारा किए गये प्रमुख परिवर्तनों का विश्लेषण -
    (i) बूर्वो वंश को सत्ता में बहाल किया गया जो फ्रांसीसी क्रांति के दौरान हटाए गए।
    (ii) फ्रांस की सीमा पर कई राज्य कायम कर दिए, ताकि फ्रांस भविष्य में विस्तार न कर सके।
    (iii) फ्रांस ने उन इलाकों को खो दिया जिन पर कब्ज़ा उसने नेपोलियन के अधीन किया गया।
    (iv) नीदरलैण्ड्स का राज्य स्थापित किया गया, जिसमें बेल्जियम शामिल था।
    (v) पूर्व में रूस का भाग सौंपा गया।

    Question 16
    CBSEHHISSH10018705

    वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी भावनाओं को जाग्रत करने में 'होआ-हाओ' आंदोलन की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।

    Solution

    (i)होआ-होआ आंदोलन के संस्थापक जादू टोना और गरीबों की मदद किया करते थे।
    (ii) यह आंदोलन उन्नीसवीं सदी के फ्रांसीसी विरोधी आन्दोलनों में उपजे विचारों से प्रेरित था।
    (iii) वह व्यर्थ खर्चों के खिलाफ थे। इस सन्दर्भ में व्यापक रूप से लोगों से अनुरोध किया।
    (iv) वह बालिका बधुओं की खरीद फरोक्त शराब व अफीम के प्रखर विरोधी थे।
    (v) राजनीतिक दलों ऐसे आन्दोलनों से जुड़े जनसमर्थन का फायदा उठाने की तो कोशिश करते थे, लेकिन उनकी गतिविधियों से बेचैन भी रहते थे।
    (vi) साम्रज्यवादी भावनाओं को झकझोरने में ऐसे आन्दोलनों के योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता।
    (vii) ऐसे समूहों पर नियंत्रण और अपना अनुशासन कायम करने में काफी परेशानी महसूस होती थी; न ही वे उनके रीतिरिवाजों और व्यवहारों का समर्थन कर पाते थे।

    Question 17
    CBSEHHISSH10018718

    किसी खास मुद्दे पर केंद्रित आंदोलन किस प्रकार सार्वभौम प्रकृति के आन्दोलनों से भिन्न हैं?

    Solution

    खास मुद्दे पर केंद्रित आंदोलन और सार्वभौम प्रकृति के आंदोलन में भिन्नता:- खास मुद्दे पर आधारित आंदोलन एक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सीमित समय तक ही सक्रिय होते हैं; जबकि सार्वभौम प्रकृति के आंदोलन व्यापक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लम्बे समय तक चलते हैं।

    Sponsor Area

    Question 18
    CBSEHHISSH10018720

    बोलीविया में पानी के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई किस संगठन ने की थी?

    Solution

    बोलीविया में पानी के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई 'फेडेकोर' संगठन ने की थी।

    Question 19
    CBSEHHISSH10018743

    'दबाव समूह और आंदोलन राजनीति पर विभिन्न प्रकार से प्रभाव डालते हैं।' इस कथन की उपयुक्त उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए।

    Solution

    राजनीती पर दबाव समूहों और आन्दोलनों का प्रभाव -
    (i) दबाव समूह और आंदोलन अपने लक्ष्य तथा गतिविधियों के लिए जनता का समर्थन और सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं ल
    (ii) इसके लिए सूचना अभियान चलाना, बैठक आयोजित करना तथा अर्जी दायर करने जैसे तरीकों का सहारा लेते हैं।
    (iii) दबाव समूह मीडिया उनके मामलों पर अधिक ध्यान दें।
    (iv) ऐसे समूह हड़ताल जैसी गतिविधियों का आयोजन करते हैं।
    (v) मजदूर संगठन, कर्मचारी संघ तथा अधिकतर आंदोलनकारी समूह उनकी मांगों को मानने के लिए सरकार को बाध्य करते हैं।
    (vi) व्यवसाय समूह प्रायः पेशेवर 'लॉबिस्ट' नियुक्त करते हैं।
    (vii) कुछ दबाव समूह राजनीतिक दलों द्वारा ही बनाए गए होते हैं और उनका नेतृत्व राजनीतिक दल ही करते हैं।

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation

    6