भारत और समकालीन विश्‍व 2 Chapter 3 भारत में राष्ट्रवाद
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    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्‍व 2

    भारत में राष्ट्रवाद Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 3 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान भारत में राष्ट्रवाद Chapter 3 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान भारत में राष्ट्रवाद Chapter 3 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH10018373

    व्याख्या करें:
    उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई क्यों थी?

    Solution

    वियतनाम और दूसरे उपनिवेशों की तरह भारत में भी आधुनिक राष्ट्रवाद के उदय की परिघटना उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के साथ गहरे तौर पर जुड़ी हुई थी। औपनिवेशिक शासकों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान लोग आपसी एकता को पहचानने लगे थे। उत्पीड़न और दमन के साझा भाव ने विभिन्न समूहों को एक-दूसरे से बाँध दिया था। लेकिन प्रत्येक वर्ग और समहू पर उपनिवेशवाद का प्रभाव एक जैसा नहीं था। उनके अनुभव भी अलग थे और स्वतंत्रता के अर्थ भी भिन्न थे। महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इन समूहों को एकत्रित करके एक विशाल आंदोलन खड़ा किया परन्तु इस एकता में टकराव के बिंदु भी विधमान थे।      

    Question 2
    CBSEHHISSH10018374

    व्याख्या करे:
    पहले विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया।

    Solution

    (i) सबसे पहली बात यह है कि विश्वयुद्ध ने एक नई आर्थिक और राजनीतिक स्थिति उत्पन्न कर दी थी। इसके कारण रक्षा व्यय में काफी वृद्धि हुई। इस व्यय की भरपाई करने के लिए युद्ध के नाम पर ऋण लिए गए और करों में वृद्धि की गई। सीमा शुल्क बढ़ा देगी और आयकर शुरू किया गया।
    (ii) युद्ध के दौरान कीमतों में तेज़ी से वृद्धि हो रही थी।1913 से 1918 के बीच कीमतें दोगुनी हो चुकी थीं जिसके कारण आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई थीं।
    (iii) गावों में सिपाहियों को जबरदस्ती भर्ती किया गया जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक गुस्सा था।
    (iv) उसी समय फ्लू की महामारी फैल गई।1921 की जनगना के अनुसार दुर्भिक्ष और महामारी के कारण 120-130 लाख लोग मारे गए।
    (v) लोगो को उम्मीद थी कि युद्ध समाप्त होने के बाद उनकी परेशानियाँ कम हो जाएँगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

    Question 3
    CBSEHHISSH10018375

    व्याख्या करें:
    भारत के लोग रॉयल एक्ट के विरोध में क्यों थे?

    Solution

    ब्रिटिश विरोधी भावनाओं को रोकने के क्रम में, इस कानून के द्वारा सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने और राजनीतिक क़ैदियों को दो साल तक बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया था। इसलिए भारत के लोग रॉयल एक्ट के खिलाफ़ थे।

    Question 4
    CBSEHHISSH10018376

    व्याख्या करें:
    गांधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों किया?

    Solution

    गांधीजी ने 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू किया था। परन्तु 1922 में गोरखपुर के चौरी-चारा में हिंसक घटना घटित हुई जिसके तहत भीड़ ने पुलिस थाने को आग लगा दी जिसमे 22 पुलिसकर्मी जलकर मर गए। इस घटना को देखते हुए महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का निर्णय किया।

    Question 5
    CBSEHHISSH10018377

    सत्याग्रह के विचार का क्या मतलब हैं? 

    Solution

    महात्मा गांधी ने जन आंदोलन के रास्ते पर चलते हुए दक्षिण अफ्रीका की नस्ल भेदी सरकार से सफलतापूर्वक लोहा लिया था इस पद्धति को वह सत्याग्रह कहते थे।
    (i) सत्याग्रह के विचार में सत्य की शक्ति पर आग्रह और सत्य की खोज हो ज़ोर दिया जाता था। इसका अर्थ यह था कि अगर आप का उद्देश्य सच्चा है, यदि आपका संघर्ष अन्याय के विरुद्ध है तो उत्पीड़क से मुकाबला करने के लिए आपको किसी शारीरिक बल की जरूरत नहीं है।
    (ii)  उत्पीड़न शत्रु को ही नहीं बल्कि सभी लोगों को हिंसा के द्वारा सत्य को स्वीकार करने पर मजबूर करने की अपेक्षा सच्चाई को देखने और सहज भाव से स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
    (iii) प्रतिशोध की भावना या आक्रामकता का सहारा लिए बिना सत्याग्रही केवला अहिंसा के सहारे  भी अपने संघर्ष में कामयाब हो सकता है। इसके लिए दमनकारी शत्रु की चेतना को झिंझोड़ना चाहिए।
    (iv) इस संघर्ष में अंततः सत्य की ही जीत होती है। गांधी जी का विश्वास था की अहिंसा का यह धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँध सकता है। 

    Question 6
    CBSEHHISSH10018378

    निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें:- 
    जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड   

    Solution

    जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड
    13 अप्रैल, 1919
    आज मुझे अपने शहर में घटित हुई एक दर्दनाक हत्याकांड के बारे में आपको बताते हुए बहुत दु:ख हो रहा है आज हमारे शहर में बहुत से गाँव वाले वार्षिक बैसाखी मेले में शामिल होने के लिए जालियाँवाला बाग में जमा हुए थे।अधिकतर तो सरकार द्वारा लागू किए गए दमनकारी कानून का विरोध प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए। यह बाग चारों तरफ से बंद है। शहर से बाहर होने के कारण वहाँ जुटे लोगों को यह पता नहीं था कि इलाके में मार्शल लॉ लागू किया जा चुका है। जनरल डायर हथियारबंद सैनिकों के साथ वहाँ पहुंचा और जाते ही उसने मैदान से बाहर निकलने के सभी रास्तों को बंद कर दिया। इसके बाद उसके सिपाहियों ने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियाँ चला दीं। सैकड़ों लोग मारे गए। बाद में उसने बताया कि वह सत्यग्रहिओं की ज़हन में दहशत और विस्मय का भाव पैदा करके 'एक नैतिक प्रभाव' उत्पन्न करना चाहता था।

    मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि आप इस समाचार को अपने समाचार पत्र में प्रमुखता से छापकर भारतीय जनता के दुख में भागीदार बनें और निर्दयी गोरी सरकार के दमन के खिलाफ विश्व जनमत तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ। 

    राहुल कुमार 

     



    Question 7
    CBSEHHISSH10018379

    निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें:-
    साइमन कमीशन 


     

    Solution

    साइमन कमीशन
    22 फरवरी 1928  
    ब्रिटेन की नई टोरी सरकार ने सर जॉन साइमन के नेतृत्व में एक वैधानिक आयोग का गठन किया जिसका प्रमुख उद्देश्य भारत में संवैधानिक व्यवस्था की कार्यशैली का अध्ययन करना था तथा उसके विषय में सुझाव देने थे। इस आयोग के सभी सदस्य अंग्रेज थे। 1928 में जब साइमन कमीशन भारत आया तो उसका स्वागत 'साइमन कमीशन वापस जाओ' के नारों से किया गया। कांग्रेस, मुस्लिम लीग तथा अन्य सभी पार्टियों ने प्रदर्शन में भाग लिया।
    राहुल कुमार 

    Question 8
    CBSEHHISSH10018380

    इस अध्याय में दी गई भारत माता की छवि और अध्याय 1 में दी गई जर्मेनिया की छवि की तुलना कीजिए।

    Solution

    भारत माता की पहली छवि रबिंद्रनाथ टैगोर द्वारा 1905 में बनाई गई थी। इस तस्वीर में भारत माता को एक सन्यासिनी के रुप में दर्शाया गया है। वह शांत, गंभीर, दैवी और आध्यात्मिक गुणों से परिपूर्ण दिखाई देती है। आगे चल कर जब इस छवि को बड़े पैमाने पर तस्वीरों में उतारा जाने लगा और विभिन्न कलाकार यह तस्वीर बनाने लगे तो भारत माता की छवि विविध रूप ग्रहण करती गई। इस मातृ छवि के प्रति श्रद्धा को राष्ट्रवाद में आस्था का प्रतीक माना जाने लगा।
    दूसरी तरफ, जर्मनी के कलाकार फिलिप वेट ने 1848 में जर्मेनिया का चित्र बनाया जो कि जर्मनी राष्ट्र के एक महिला कृति के रूप में पहचान अंकित करता है, इसमें जर्मेनिया बलूत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहनती है क्योंकि बलूत वीरता का प्रतीक है। जर्मेनिया के चित्र को सूती झण्डे पर बनाया गया है।

    Question 9
    CBSEHHISSH10018381

    1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल होने वाले सभी सामाजिक समूहों की सूची बनाइए। इसके बाद उनमें से किन्हीं तीन को चुन कर उनकी आशाओं और संघर्षों के बारे में लिखते हुए दर्शाइए कि वे आंदोलन में शामिल क्यों हुए ?

    Solution

    असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले विभिन्न सामाजिक समूहों की सूची:
    (i) शहरों का मध्यम वर्ग
    (ii) बागान मजदूर
    (iii) विद्यार्थी और अध्यापकगण
    (iv) ग्रामीण क्षेत्रों के किसान और वन्य प्रदेशों के आदिवासी 
    (v) सौदागर और व्यापारीगण 
    (vi) बुनकर और अन्य कारीगर
    (vii) मुस्लिम खिलाफत कमेटी के सदस्य
    (viii) अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता
    तीन समूहों के लोग और उनकी आशाएँ व संघर्ष :
    (i) शहरों का मध्यम वर्ग: इसमें मुख्य रूप से छात्र, शिक्षक और वकील शामिल थे। असहयोग आंदोलन और बहिष्कार से जुड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने उत्साहपूर्वक जवाब दिया। उन्होंने आंदोलन को विदेशी वर्चस्व से स्वतंत्रता के मार्ग के रूप में देखा। उदाहरण के लिए, खादी कपड़ा अक्सर बड़े पैमाने पर बनने वाले कपड़ों की तुलना में अधिक महंगा था और गरीब लोग इसे खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते थे।
    (ii) ग्रामीण क्षेत्रों के किसान और वन्य प्रदेशों के आदिवासी: कई स्थानों पर, किसान असहयोग आंदोलन में शामिल हुए। यह आंदोलन मुख्य रूप से तालुकदारों और जमींदारों के खिलाफ था। स्वराज के द्वारा वे समझ गए कि उन्हें किसी भी कर का भुगतान करने की ज़रूरत नहीं होगी और यह भूमि पुनर्वितरित की जाएगी। किसान आंदोलन अक्सर हिंसक हो गया और किसानों को बुलेट और पुलिस क्रूरता का सामना करना पड़ा।
    (iii) बागान मजदूर: बागान कार्यकर्ता भी गांधीजी के नेतृत्व में आंदोलन में शामिल हुए। बागानी मज़दूरों के लिए आजादी का अर्थ यह था कि वे उन चारदीवारियों से जब चाहे आ जा सकते हैं जिनमें उनको बंद करके रखा गया था। उनके लिए आज़ादी का अर्थ था कि वह अपने गाँवों से संपर्क कर पाएँगे।1859 के इंग्लैंड इमीग्रेशन एक्ट के तहत बागानों में काम करने वाले मज़दूरों को बिना इज़ाज़त बागान से बाहर जाने की छूट नहीं होती थी और यह छूट उन्हें विरले ही कभी मिलती थी। जब उन्होंने असहयोग आंदोलन के बारे में सुना तो हज़ारों मजदूर अपने अधिकारियों की अवहेलना करने लगे। उन्होंने बागान छोड़ दिए और अपने घर को चल दिए। उनको लगता था कि अब गांधी राजा आ रहा है इसीलिए अब तो प्रत्येक को गॉंव में ज़मीन मिल जाएगी।

     

     





     

     

    Question 10
    CBSEHHISSH10018382

    नमक यात्रा की चर्चा करते हुए स्पष्ट करें कि यह उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था।  

    Solution

    देश को एकजुट करने के लिए महात्मा गांधी को नमक एक शक्तिशाली प्रतीक लगा।

    (i) 31 जनवरी 1930 को गांधीजी ने वायसराय इरविन को एक ख़त लिखा। खत में उन्होंने 11 मांगों का उल्लेख किया था।
    (ii) इनमें से कुछ सामान्य माँगे थी जबकि कुछ माँगे उद्योगपतियों से लेकर किसानों तक विभिन्न तबकों से जुड़ी हुई थी।
    (iii) गाँधीजी इन मांगों के द्वारा समाज के सभी वर्गों को अपने आंदोलन में शामिल करना चाहते थे ताकि सभी उसके अभियान में शामिल हो सकें।
    (iv) इनमें सबसे महत्वपूर्ण माँग नमक कर को खत्म करने के बारे में थीं। क्योंकि नमक का प्रयोग गरीब,अमीर सभी करते थे।
    (v) इसलिए नमक पर करें तथा उसके उत्पादन पर सरकारी इजारेदारी को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया था।

    इरविन झुकने को तैयार नहीं थे। फलस्वरूप, महात्मा गांधी ने अपने 78 विश्वस्त वॉलन्टियरों के साथ नमक यात्रा शुरू कर दी। यह यात्रा साबरमती आश्रम से गुजरात के दांडिया नमक कस्बे में जाकर खत्म होनी थी।
    इन सभी आधार पर नमक यात्रा उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था। क्योंकि यह भारतीय जनता के राष्ट्रव्यापी समर्थन को इकट्ठा कर सकता था। इसने सविनय आंदोलन की शुरुआत की।



    Question 11
    CBSEHHISSH10018383

    कल्पना कीजिए कि आप सिविल नाफ़रमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला हैं। बताइए कि इस अनुभव का आपके जीवन में क्या अर्थ होता।

     

    Solution

    सिविल नाफ़रमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला के जीवन में इस अनुभव का अर्थ निम्नलिखित मायने रखता है-
    (i) महिला पर्दा प्रथा का त्याग करके संघर्ष करने के लिए घर से बाहर आती।
    (ii) समाजिक बुराईयों जैसे नशा, दहेज, भ्रूण हत्या के विरुद्ध आंदोलनों का नेतृत्व करती।
    (iii) सामाजिक अन्याय के प्रतीक कानूनों का उल्लंघन कर अपनी शक्ति का परिचय देती।
    (iv) राष्ट्रीय सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लेती।
    (v) घर के चूल्हे-चौके से बाहर निकलकर समाज सेवा की बीड़ा उठाती।
    (vi) किसी भी सामाजिक अत्याचार के खिलाफ एक सशक्त आवाज बन जाती।

    Question 12
    CBSEHHISSH10018384

    राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे।   

    Solution

    जब सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ उस समय समुदायों के बीच संदेह और अविश्वास का माहौल बना हुआ था।

    (i) बहुत सारे दलित नेता अपने समुदाय की समस्याओं का अलग राजनीतिक हल ढूंढना चाहते थे। वे खुद को संगठित करने लगे, उन्होंने शिक्षा संस्थानों में आरक्षण के लिए आवाज उठाई और अलग निर्वाचन क्षेत्रों की बात कही ताकि वहां से विधाई परिषदों के लिए केवल दलितों को ही चुनकर भेजा जा सके। उनका मानना था कि सामाजिक अपंगता केवल राजनीतिक सशक्तीकरण से ही दूर हो सकती है।

    (ii) उनका मत था कि दलितों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों की व्यवस्था से समाज में उनके एकीकरण की प्रक्रिया धीमी पड़ जाएगी।

    (iii) बहुत सारे मुस्लिम नेता और बुद्धिजीवी भारत में अल्पसंख्यको के रूप में मुसलमानों की हेसियत को लेकर चिंता जता रहे थे। मोहम्मद अली जिन्ना का कहना था कि अगर मुसलमानों को केंद्र सभा में आरक्षित सीटें दी जाएँ और मुस्लिम बहुल प्रांतों में मुसलमानों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जाए तो वे मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचिका की माँग छोड़ने के लिए तैयार हैं ।

    Question 13
    CBSEHHISSH10018693

    1919 में प्रस्तावित रॉयल एक्ट के खिलाफ गाँधीजी ने राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला क्यों लिया? कोई तीन कारण स्पष्ट कीजिए। 

    Solution

    रॉयल एक्ट के खिलाफ राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह -
    (i) भारतीय सदस्यों के भारी विरोध के बावजूद इस एक्ट को लेजिस्लेटिव काउन्सिल ने बहुत जल्दबाजी में पारित किया।
    (ii) इस क़ानून के जरिए सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने के लिए असीम अधिकार दिए।
    (iii) राजनीतिक कैदियों को दो साल तक बिना मुक़द्द्मा चलाये जेल में बंद रखने का अघिकार दिया गया।

    Question 14
    CBSEHHISSH10018694

    स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रवाद को साकार करने में लोक कथाओं, गीतों एवं चित्रों आदि के योगदान का मूल्यांकन कीजिए। 

    Solution

    राष्ट्रवाद को साकार करने में लोककथाओं, गीतों एवं चित्रों का योगदान -

    (i) इतिहास व साहित्य, लोककथाएं व गीत, चित्र व प्रतीक, सभी ने राष्ट्रवाद को साकार करने में अपना योगदान दिया।

    (ii) भारत माता की पहचान दृश्य रूप में प्रस्तुत की गयी।

    (iii) 1870 के दशक में बंकिम चट्टोपाध्याय ने मातृभूमि की स्तुति में बंदेमातरम गीत लिखा था।

    (iv) राष्ट्रवाद का विचार भारतीय लोककथाओं को पुनर्जीवित करके भी विकसित किया गया। 

    Question 15
    CBSEHHISSH10018724

    यूरोप में उन्नीसवीं सदी के दौरान नारी की छवि किस प्रकार राष्ट्र का रूपक बनी। विश्लेषण कीजिए। 

    Solution

    नारी की छवि राष्ट्र के रूपक के रूप में:- कलाकारों ने राष्ट्र को व्यक्ति के रूप में व्यक्त करने का उपाय निकाला। उस समय राष्ट्रों को नारी भेष में प्रस्तुत किया गया। राष्ट्र को व्यक्ति का जामा पहनाते हुए जिस नारी रूप को चुना गया, वह जीवन में कोई खास महिला नहीं थी। यह तो राष्ट्र के अमूर्त विचार को ठोस रूप प्रदान करने का प्रयास था। इस प्रकार नारी की छवि राष्ट्र का रूपक बन गई। फ्रांसीसी क्रान्ति के दौरान कलाकारों ने स्वतंत्रता, न्याय और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी रूपक का प्रयोग किया।

    Question 16
    CBSEHHISSH10018726

    1921 तक किसने 'स्वराज का झण्डा' तैयार कर लिया था? स्वराज के इस झण्डे की मुख्य विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    1921 तक गाँधी जी ने 'स्वराज का झण्डा' तैयार कर लिया था।
    स्वराज के इस झण्डे की मुख्य विशेषताएं:-
    (i) यह तिरंगा झण्डा - लाल, हरा और सफेद था।
    (ii) इसके मध्य में चरखा था।
    (iii) यह गाँधीवादी विचार - स्वावलंबन का प्रतीक था।
    (iv) जुलूसों में झण्डा थामे चलना शासन के प्रति अवज्ञा का संकेत बना।

    Question 17
    CBSEHHISSH10018727

    'सविनय अवज्ञा आंदोलन' 'असहयोग आंदोलन' से भिन्न था।' कथन की पुष्टि उदाहरणों सहित कीजिए।

    Solution

    'सविनय अवज्ञा आंदोलन' 'असहयोग आंदोलन' मई भिन्नता :
    असहयोग आंदोलन :-
    (i) लोगों से सरकार को सहयोग न करने के लिए कहा गया।
    (ii) विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया गया।
    (iii) शराब की दुकानों की पिकेटिंग की गई।
    (iv) विदेशी कपड़ों की होली जलाई गई।
    (v) अनेक स्थानों पर व्यापारियों ने विदेशी चीजों का व्यापार करना या विदेशी व्यापार में पैसा लगाने से इंकार कर दिया।
    (vi) वकीलों ने मुक़दमे लड़ने बंद कर दिए।
    (vii) विद्यार्थियों ने स्कूल और कॉलेज छोड़ दिए।
    सविनय अवज्ञा आंदोलन :-
    (i) लोगों से औपनिवेशिक कानूनों का उलंघन करने के लिए आह्मां किया गया।
    (ii) किसानों ने लगान और चौकीदारी क्र चुकाने से इन्कार कर दिया।
    (iii) देशवासियों ने नमक क़ानून तोड़ा।
    (iv) गांवों में तैनात कर्मचारी इस्तीफे देने लगे।
    (v) जंगलों में रहने वाले लोग वन कानून का उल्लंघन करने लगे।

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    Question 18
    CBSEHHISSH10018825

    असहयोग आंदोलन का आहवान गांधीजी ने क्यों किया ? इसमें कौन-कौन सी विधियाँ अपनायी ?

    Solution

    असहयोग आन्दोलन गाँधी जी के द्वारा चलाया गया एक आन्दोलन था जिसमे अंहिसा के मार्ग को अपनाते हुए गांधीजी ने लोगो से आन्दोलन में साथ देने के लिए आग्रह किया जिसे अंहिसा का मार्ग पर चलते हुए अंग्रेज सरकार के सामने अपने विरोध को जाहिर करना था ।
    इसमें अंग्रेजी शासन के साथ असहयोग की भावना स्वदेशी और बहिष्कार - सेना, पुलिस अदालतों, विधान परिषदों - स्कूलों और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार एवं स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन एवं उपयोग अलंकार और उपाधियों को वापस करना ।

    Question 19
    CBSEHHISSH10018826

    शहरों में असहयोग आंदोलन की गति क्यों मंद हुई ?

    Solution

    शहरों में असहयोग आंदोलन की गति निम्न कारण से मंद हुई -

    1. खादी का कपडा अधिक महंगा था
    2. आवश्यकतानुसार भारतीय संस्थाओं की कमी
    3. आदोलन का लंबा खींचना ।

    Question 20
    CBSEHHISSH10018827

    खिलाफत आंदोलन के प्रमुख कारण क्या - क्या थे?

    Solution

    खिलाफत आंदोलन के प्रमुख कारण निम्न थे -

    1. तुर्की के खलीफा का अंग्रेजों द्वारा अपमान ।
    2. लखनऊ समझौता, तथा अलीबंधुओ द्वारा खिलाफत आंदोलन की शुरूआत साथ करना ।
    3. भारत में मुसलमानों के द्वारा अंग्रेजों का विरोध ।

    Question 21
    CBSEHHISSH10018828

    गांधी - इरविन समझौते की विशेषताएँ बताइए?

    Solution

    गांधी - इरविन समझौते की विशेषताएँ निम्न हैं -

    1. 15 मई 1931 को गांधी - इरविन समझौता ।
    2. सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया गया ।
    3. पुलिस द्वारा किए अत्याचारों की निष्पक्ष जाँच की जाए ।
    4. नमक पर लगाए गए सभी कर हटाए जाएँ।

    Question 22
    CBSEHHISSH10018829

    असम में बागान मजदूरों के लिए स्वराज की अवधारणा क्या थी ?

    Solution
    1. अनुबंधक नियमों का उल्लंघन
    2. चाय बगानों से बाहर निकलना
    3. असहयोग आंदोलन में सम्मिलित होना
    4. कृषि भूमि को प्राप्त करना ।
    Question 23
    CBSEHHISSH10018830

    गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस लाने का फैसला क्यों किया ?

    Solution
    1. असहयोग आंदोलन अहिंसा पर आधारित था
    2. आंदोलनकारियों में नीरसता आ गई थी
    3. चौरी - चौरा में आंदोलनकारियों द्वारा 22 पुलिस वालों को चौकी में जिंदा जलाया जाना ।
    Question 24
    CBSEHHISSH10018831

    भारत के लोग रॉलेट एक्ट के विरोध में क्यों थे ?

    Solution

    भारत के लोग रॉलेट एक्ट के विरोध इसलिए थे -

    1. यह एक काला कानून था
    2. इस कानून के अंतर्गत किसी को भी बिना सुनवाई के लंबे समय तक जेल में डाला जा सकता था
    3. यह प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ही भारतीय जनता को नियंत्रण में करने के लिए लाया गया था
    4. इसका विरोध भारत की आम जनता ने किया ।

    Question 25
    CBSEHHISSH10018832

    असहयोग आंदोलन के किन्हीं तीन प्रभावों का वर्णन कीजिए?

    Solution
    1. खिलाफत तथा असहयोग आंदोलन एक साथ चलाया गया ।
    2. इसको अलग - अलग चरणों में चलाना ।
    3. विदेशी वस्तुओंका बहिष्कार और स्वदेशी वस्तु को अपनाना ।
    4. अंग्रेजों द्वारा दी गई उपाधी को वापस करना ।
    5. सरकारी कार्यालय स्कूल आदि को छोडना ।
    Question 26
    CBSEHHISSH10018833

    सविनय अवज्ञा आंदोलन पर टिप्पणी लिखिए?

    Solution

    सविनय अवज्ञा आंदोलन गाँधी जी के द्वारा 1950 में शुरू किया गया था जिसका मतलब होता है। बिना हिंसा से के किसी भी सरकारी आदेश के अवहेलना करना। जल्दी ही बड़ी संख्या में लोग इस आन्दोलन से जुड़ गये और गांधीजी ने इस आन्दोलन का नेतृत्व किया। इसकी शुरुआत तब हुई जब 51st January 1950 को गांधीजी ने लार्ड इरविन को अपनी कुछ मांगो के सम्बन्ध में बताया और उन्होंने इस बारे में कोई एक्शन नहीं लिया तो आखिरकार गांधीजी को इस आन्दोलन को शुरू करना पड़ा और इसकी शुरुआत नमक सत्याग्रह से हुई। तो चलिए इसी बारे में कुछ और बातें करते है -

    सविनय अवज्ञा आंदोलन के बारे में विस्तार से जानकारी

    लार्ड इरविन ने जब गांधीजी की ग्यारह मांगो को पूरा करने से मना कर दिया तो सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर दिया और इसकी शुरुआत दांडी मार्च से हुई। गाँधी जी ने जो मांगे इरविन के सामने रखी उनमे से कुछ निम्न है -

    • सिविल क्षेत्र और सेना के खर्च में 50 प्रतिशत की कमी की जानी चाहिए।
    • नशीली चीजो की बिक्री पर बैन होना चाहिए। 
    • शस्त्र कानून में बदलाव होना चाहिए और भारतीयों को भी अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार रखे जाने की अनुमति होनी चाहिए।
    • सभी राजनैतिक बंदियों को रिहा कर दिया जाना चाहिए।
    • डाक आरक्षण बिल पास होना चाहिए।
    • किसानों पर लगने वाले कर में 50 प्रतिशत की कमी होनी चाहिए।
    • नमक पर लगने वाले टैक्स को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए और इस पर सरकारी नियंत्रण और एकाधिकार को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए।

    Question 27
    CBSEHHISSH10018834

    अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे? असहयोग आंदोलन में उनके योगदान को बताइए ?

    Solution

    अल्लूरी सीताराम राजू तत्कालीन समय के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक क्रांतिकारी थे। सन 1920 में अल्लूरी सीताराम पर महात्मा गांधी के विचारों का बहुत प्रभाव पड़ा और उन्होंने आदिवासियों को मद्यपान छोड़ने तथा अपने विवाद पंचायतों में हल करने की सलाह दी। किंतु जब एक वर्ष में स्वराज्य प्राप्ति का गांधी जी का स्वप्न साकार नहीं हुआ तो सीताराम राजू ने अपने अनुयायी आदिवासियों की सहायता से अंग्रेज़ों के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह करके स्वतंत्र सत्ता स्थापित करने के प्रयत्न आंरभ कर दिया ।

    • अल्लूरी सीताराम राजू ने आंध्रप्रदेश की गुडेम पहाडियों के आदिवासी किसानों का नेतृत्व किया
    • इन्हें खगोलीय ज्ञान प्राप्त था ।
    • लोगों का मानना था कि उनके पास विशेष शक्तियाँ है जिससे वह लोगों को स्वस्थ कर सकते थे
    • वे गांधीजी के प्रशंसक थे ।
    • उन्होने लोगों को खादी पहनने तथा शराब छोड़ने को कहा ।
    • लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उन्होने हिंसा का मार्ग भी अपनाया ।
    • 1924 अल्लूरी सीताराम राजू को फाँसी पर चढ़ाया ।

    Question 28
    CBSEHHISSH10018835

    सामूहिक अपनापन की यह भावना लोकगीत, गीत, प्रतीक, छवियों के संयुक्त संघर्ष भूमिका के माध्यम से आंशिक रूप में आया था । इस बयान का विश्लेषण करे -

    Solution
    • 19 वीं सदी में भारतीय राष्ट्रवादी हरबोलों द्वारा भारत की लोकगाथाओं द्वारा भारतीय संस्कृति का उत्थान तथा राष्ट्रीयता की भावना का विकास, राष्टीय पहचान की खोज करने के लिए इस लोक परंपरा को बनाए रखना आवश्यक था ।
    • स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगा झंडा, मध्य में कमल, एक अर्धचाँद, जो हिंदु मुस्लीम एकता का प्रतीक । बाद में स्वयं सहायता का प्रतिनिधित्व करते हुए चरखे को झंडे के मध्य में रखा गया ।
    • भारत माता की छवि बकिमचंद्रचटोपाध्याय द्वारा बनायी गयी और बाद में रबिन्द्रनाथ टैगोर ने भारत माता को शांत तपस्वी दिव्य और आध्यात्मिक रूप में चित्रित किया ।

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