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दो और दो जोड़कर स्थिति समझना-अर्थात् परिस्थिति को भाँप जाना। जब लालाजी के हाथों से लोटा गिरने के बाद आँगन में भीड़ एकत्रित हो गई और एक अंग्रेज़ नखशिख तक भीगा हुआ लोटा हाथ में लिए गालियाँ देता हुआ आ रहा था, तो लाला ने परिस्थिति का अनुमान लगा लिया कि कुछ गड़बड़ हो गई है।
इस प्रकार लालाजी दो प्रमुख बातें समझ गए कि लोटा अंग्रेज़ को लगा है और वह अब उनसे लड़ने आया है।
बिलवासी जी के दिमाग में न जाने क्या आया कि उन्होंने लोटे की कथा को समाप्त करने हेतु व अंग्रेज़ काे चुप करवाने के लिए लोटे को ऐतिहासिक लोटा बता दिया। उसका नामकरण भी ‘अकबरी लोटा’ कहकर कर दिया।
अंग्रेज़ पहले से ही पुरानी चीजें खरीदने का शौकीन था। जब उसे यह पता चला कि जब हुमायूँ शेरशाह से हारकर सिंध के रेगिस्तान में मारा-मारा फिर रहा था तो एक दिन उसे प्यास लगने पर एक ब्राह्मण ने इसी लोटे से पानी पिलाया था और बाद में अकबर को जब यह बात मालूम हुई तो उसने इस लोटे को दस सोने के लोटे देकर उस ब्राह्मण से लिया। इसी कारण इसका नाम ‘अकबरी लोटा’ है। यह सुनकर अंग्रेज़ लोटा खरीदने हेतु लालायित हो उठा और उसने पाँच सौ रुपए मैं उसे खरीद लिया। लालाजी को तो अपनी पत्नी को देने के लिए ढाई सौ रुपयों की जरूरत थी जबकि बिलवासी जी ने उन्हें पाँच सौ रुपए थमा दिए।
झाऊलाल व उसकी पत्नी की इन बातों से निम्न बातें उजागर होती हैं-
1. झाऊलाल की पत्नी कड़क स्वभाव की है।
2. झाऊलाल कंजूस प्रवृति के हैं।
3. झाऊलाल कई बार अपने वायदे पर खरे नहीं उतरते।
4. पत्नी काे पति पर विश्वास नहीं है।
5. झाऊलाल जी स्वाभिमानी व्यक्ति हैं।
अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया’- ये शब्द लेखक ने लोटे के लिए कहे हैं क्योंकि लोटा उल्का की गति से भी तीव्र गति से नीचे की ओर गिरा था।
उल्का-उल्काओं का निर्माण चट्टानों के छोटे-छोटे कणों से होता है। ये छोटी-बेटी आकृतियाँ मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य घूमती हैं। ये घूमते-घूमते कई बार पृथ्वी के वायुमंडल में प्रविष्ट हो जाती हैं और घर्षण से जल कर राख हो जाती हैं। उनके जलने पर एक विशेष प्रकार की चमक उत्पन्न होती है। लोग इसे टूटता तारा समझते हैं।
ग्रहों और उल्काओं में समानताएँ-
1. दोनों सूर्य के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं।
2. दोनों में चट्टानों के कणों का मिश्रण पाया जाता है।
असमानताएँ-
1. ग्रह अपनी धुरी पर घूमते हैं जबकि उल्काओं की कोई निश्चित धुरी नहीं होती।
2. ग्रह सूर्य कै इर्द-गिर्द शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण की वज़ह से घूमते हैं जबकि उल्काओं का सूर्य के प्रति गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है।
3. ग्रहों का आकार बड़ा होता है जबकि उल्काओं का बहुत छोटा।
“इस कहानी में आपने दो चीज़ों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ी - अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी।”
आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?
कहानी बनाने हेतु संकेत बिंदु:
1. नई कक्षा में प्रवेश।
2. बच्चों का खुश होना।
3. कक्षा की अलमारी की सफाई करना।
4. एक चार्ट का मिलना।
5. चार्ट खोलते ही उसमें बने भूत के चित्र की लाल-लाल आँखें चमकना।
6. बच्चों का डर जाना।
7. कक्षा से बाहर भागना।
8. अध्यापक का आना।
9. चार्ट को खोलना।
10. फिर आँखें चमकना।
11. चार्ट को उल्टा करना।
12. विज्ञान का प्रयोग कि तार जोड़ने पर विद्युतपथ का पूरा होना और बल्ब का जलना।
13. अध्यापक का हँसना।
14. बच्चों का लजाना।
15. कक्षा में वापिस आना।
1. इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे?
2. इसी उधेड़-बुन में पड़े लाला छत पर टहल रहे थे।
3. लाला अपना गुस्सा पीकर पानी पीने लगे।
4. अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल सा सिंध के रेगिस्तान में मारा-मारा फिर रहा था।
1. उधेड़-बुन-दादीजी ने इसी उधेड़-बुन में ही रात बिता दी कि दोनों में से किस पुत्र के पास रहें।
2. तिलमिला उठना-अस्पताल में चोरी का दोष लगते ही वह तिलमिला उठा।
3. अस्त्रों से ओझल-जादूगर के छड़ी घुमाते ही कबूतर आँखों मे ओझल हो गया।
4. मारा-मारा फिरना-पिता की मृत्यु के पश्चात् नौकरी पाने हेतु सोहेल मारा-मारा फिर रहा है।
5. ताव आना-पत्नी ने लालाजी की बात मानने से इंकार किया तो मै ताव में आ गए।
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B.
उनके पास पत्नी को देने के लिए पैसे का इतजाम नहीं हुआ था।B.
वे सोच रहे थे शायद लोटे खरीद कर अंग्रेज़ झाऊलाल को धन देकर उनकी परेशानी कम कर दे।लाला झाऊलाल की प्रसन्नता का क्या कारण था?
A.
उनकी पैसों की समस्या हल हो गई।B.
यदि आप देने में असमर्थ हैं तो मैं अपने भाई से माँग लूँ।B.
पत्नी द्वारा अपने भाई से रुपए माँगने की बात कहने परC.
भाई से भीख माँगने की जरूरत नही मुझसे ले लेना।Sponsor Area
C.
कल या तो पत्नी को रुपए देकर शान बनेगी या सारी शेखी व रोब जाता रहेगा।C.
मजाक उड़ाने वाली हँसी जो फाँसी की सजा के समान थी।C.
झाऊलाल छत की मुंडेर पर खड़े होकर लोटे से पानी पी रहे थेA.
जिस प्रकार एक टूटता हुआ तारा बहुत तेजी से जुदा होकर आगे की और बढ़ता है उससे भी तेज गति से लोटा नीचे की ओर लुढ़कता गया।D.
जो वस्तु हवा में उछालो वह नीचे गिरेगी।B.
झाऊलाल के हाथ से पानी का भरा लोटा फिसला तो वह अंग्रेज़ पर जाकर गिराB.
क्योंकि पैर पर लोटा लगने से उसे दर्द हो रहा था।B.
अंग्रेज़ को छोड़कर एकत्रित भीड़ को भेज दियाB.
वे उसे शांत करना चाहते थे और लोटे का कुछ कमाल दिखाना चाहते थे।C.
संसार भर के संग्रहालय यानि म्यूज़ियम इसकी तलाश में लगे हैं।A.
बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर रेगिस्तान में घूम रहा था तो एक ब्राह्मण ने उसे इस लोटे से पानी पिलाया।A.
क्योंकि यह उस कबूतर का अंडा था जिसके कारण जहाँगीर ने स्वयं काे नूरजहाँ के समक्ष समर्पित किया था।Sponsor Area
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