Vasant Bhag 3 Chapter 4 दीवानों की हस्ती
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 8 Hindi Vasant Bhag 3

    दीवानों की हस्ती Here is the CBSE Hindi Chapter 4 for Class 8 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 8 Hindi दीवानों की हस्ती Chapter 4 NCERT Solutions for Class 8 Hindi दीवानों की हस्ती Chapter 4 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 8 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN8000565

    कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?

    Solution
    कवि का मानना है कि जब वे अपने बंधु-बांधवों से मिलने आते हैं तो सबके चेहरों पर खुशी छा जाती है और जब सहसा जाने की बात आती है तो वही खुशी अश्रुओं का रूप धारण कर लेती है अर्थात् उनके जाने का दुख सहन नहीं होता। लेकिन वीरों को तो अपने चुने मार्ग पर बढ़ना ही होता है।
    Question 2
    CBSEENHN8000566

    भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?

    Solution

    कवि संसार के लोगों के प्रति स्वच्छंद रूप में प्रेम लुटाता है क्योंकि उसका मानना है कि इस दुनिया के लोग सदैव दूसरों से पाने की चाहत रखते हैं। सभी को प्रसन्न रखने पर भी उसका हृदय द्रवित है, उसके हृदय पर असफलता का निशान है कि अपने जीवनकाल में उसने बहुत प्रयत्न करके भी स्वतंत्रता प्राप्त नहीं की।

    इसके लिए कवि निराश तो नहीं लेकिन यह टीस उसके मन में अवश्य है कि उसके भरसक प्रयत्नों से भी देश आजाद न हो सका। साथ ही उसे प्रसन्नता इस बात की है कि उसने स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु हर संभव प्रयत्न किया है।

    Question 3
    CBSEENHN8000567

    कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?

    Solution

    कविता में हमें सबसे अच्छी लगी दीवानों की ‘मस्ती’। सुख-दुख सब सहते हुए भी वै मस्त हैं उन्हें किसी की परवाह नहीं। मस्ती में जीकर जान हथेली पर रखकर देश को स्वतंत्र करवाना चाहते हैं।

    Question 4
    CBSEENHN8000568

    जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।

    Solution

    यह सही है कि जीवन में मस्ती अर्थात् मजा होना चाहिए क्योंकि इससे ही व्यक्ति जीवन मैं आनंद व हर्ष अनुभव करता है। लेकिन यदि हमारे द्वारा की गई मस्ती किसी को नुकसान पहुँचाए तो उसे हम मस्ती का नाम नहीं दे सकते।

    हम बलि-वीरों की मस्ती को सर्वश्रेष्ठ व आनंददायक मानते हैं क्योंकि लाख कठिनाइयाँ सहने पर भी वे संतुष्ट व आनंदित रहते हैं। उनके हृदय में सदा आगे बढ़ने की चाह बनी रहती है। अपने जीवनकाल में कुछ विशेष कार्य करके वे लोगों के लिए प्रेरक बनना चाहते हैं।

    Question 5
    CBSEENHN8000569

    एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है।
    कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?

    Solution
    ऐसे परस्पर विरोधी विचारों का समावेश कविता में इसलिए किया गया है क्योंकि बलिदानी वीर अपने विचारों उद्यम व बलिदान पथ के स्वयं ही मालिक थे। उनके विचारों में दुख-सुख, उल्लास-अश्रु, बंधन-मुक्ति आदि शब्दों का कोई महत्त्व न था। उनका लक्ष्य तो था देश को स्वाधीन करवाना और इस हेतु वे निरंतर कार्यरत रहते हैं।
    Question 7
    CBSEENHN8000571

    दीवाने शब्द किनके लिए प्रयुक्त हुआ है? उनका अपने जीवन में लक्ष्य क्या है?

    Solution
    दीवाने शब्द देश के वीरों के लिए प्रयुक्त हुआ है जिनका उद्देश्य है इस देश की स्वाधीनता हेतु अपने जीवन का पूर्ण समर्पण।
    Question 8
    CBSEENHN8000572

    वे मस्ती में जीवन क्यों जीते हैं?

    Solution
    वे अपने मन में ठान लेते हैं कि उनका जीवन केवल देश हेतु है। कब, कहाँ और कैसे मृत्यु का आलिंगन करना पड़े इस हेतु उन्हें कोई डर या पछतावा नहीं। वे तो केवल अपने लक्ष्य ‘देश को स्वाधीन करवाना है’ में कामयाब होना चाहते हैं इसलिए मस्त होकर इसके लिए निरंतर कार्यरत रहते हैं।
    Question 9
    CBSEENHN8000573

    एक भाव में रहकर सुख और दुख दोनों पीने का भावार्थ क्या है, कविता की पंक्तियों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    कवि के अनुसार वीर पुरुषों के मन में केवल आजादी या आजादी हेतु बलिदान की भावना ही जागृत होती है। सांसारिक सुख-दुख के भावों से उन्हें कोई वास्ता नहीं होता वे सुख-दुख दोनों को समान महत्व देते हैं।
    Question 10
    CBSEENHN8000574

    उन्होंने संसार को भिखमंगा क्यों कहा है?

    Solution
    वीर सेनानी संसार को भिखमंगा कहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह संसार केवल लेना जानता है। दूसरों के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में लोग आगे नहीं आते। यहाँ तक कि वीर सेनानियों के साहस को बढ़ावा देने हेतु यशगान करना भी उनके बस की बात नहीं। वे तो स्वार्थपूर्ण जीवन व्यतीत करने में ही अपनी सफलता समझते हैं।
    Question 11
    CBSEENHN8000575

    वे हृदय पर असफलता की कैसी निशानी रखते हैं?

    Solution
    उन्हें अपने अंतर्मन से इस बात का दुख है कि भरसक प्रयत्न करने के बावजूद भी उनके जीते-जी यह देश स्वाधीन न हो पाया। यही बोझ उनके हृदय पर है।
    Question 12
    CBSEENHN8000576

    इस कविता से हमें क्या संदेश मिलता है?

    Solution
    इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि हमारे मन मैं देशप्रेम की भावना होनी चाहिए। हम केवल ‘स्व’ हेतु नहीं बल्कि ‘पर’ हेतु जीना चाहिए। अपने रिश्ते-नातों से भी बढ्कर सभी देशवासियों के बारे में सोचना चाहिए और देश पर यदि कोई विपत्ति आ जाए तो सर्वस्व समर्पण करने में संकोच नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार ‘दीवानो की हस्ती’ कविता में वीर सेनानी केवल देश हेतु ही जीवन जीता है बाकी सभी बंधनों को तोड़ देने में विश्वास करता है।

    Sponsor Area

    Question 21
    CBSEENHN8000585

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    हम दीवानों की क्या हस्ती,
    हैं आज यहाँ, कल वहाँ चलें,
    मस्ती का आलम साथ चला,
    हम धूल उड़ाते जहाँ चले।

    आए बनकर उल्लास अभी,
    आँसू बनकर बह चल अभी,
    सब कहते ही रह गए. अरे,
    तुम कैसे आए, कहाँ चले?

    ‘धूल उड़ाते जहाँ चले’ शब्दों का क्या अर्थ है?
    • उनके कदमों से धूल उठती है।
    • बलिदानी वीर जहाँ भी जिस ओर जोश से बढ़ते है उनके कदमो से सारे वातावरण में धूल छा जाती है अर्थात् सब ओर उनका अस्तित्व दिखाई देता है।
    • तेज कदमों से चलना
    • मिट्टी के रास्ते पर बढ़ना

    Solution

    B.

    बलिदानी वीर जहाँ भी जिस ओर जोश से बढ़ते है उनके कदमो से सारे वातावरण में धूल छा जाती है अर्थात् सब ओर उनका अस्तित्व दिखाई देता है।
    Question 23
    CBSEENHN8000587

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    किस ओर चले? यह मत पूछो,
    चलना है, बस इसलिए चले,
    जग से उसका कुछ लिए चले,
    जग को अपना कुछ दिए चले,

    दो बात कही. दो बात सुनी;
    कुछ हँसे और फिर कुछ रोए।
    छककर सुख-दुख के घूँटों को
    हम एक भाव सै पिए चले।

    बलि वीरों की राह निश्चित क्यों नहीं है?

    • क्योंकि वे बिना लक्ष्य के आगे बढते हैं।
    • क्योंकि वे बिना-सोचे समझे चलते हैं।
    • क्योंकि उनका उद्देश्य अंग्रेजों को मात देना व स्वतंत्रता प्राप्त करने हेतु वहाँ मुड़ना पड़े वहाँ राहें मोड़ देना है।
    • क्योंकि उन्हें अंग्रेजी सरकार से बचना होता है।

    Solution

    C.

    क्योंकि उनका उद्देश्य अंग्रेजों को मात देना व स्वतंत्रता प्राप्त करने हेतु वहाँ मुड़ना पड़े वहाँ राहें मोड़ देना है।
    Question 25
    CBSEENHN8000589

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    किस ओर चले? यह मत पूछो,
    चलना है, बस इसलिए चले,
    जग से उसका कुछ लिए चले,
    जग को अपना कुछ दिए चले,
    दो बात कही. दो बात सुनी;
    कुछ हँसे और फिर कुछ रोए।
    छककर सुख-दुख के पघूँटोंको
    हम एक भाव सै पिए चले।

    संसार के लोगों से मिलकर वे कुछ हँसते और कुछ रोते हैं ऐसा कवि ने क्यों कहा?

    • हँसना सुख का व रोना दुख का प्रतीक है।

    • जब वे अपने भाई-बांधवों से मिलकर सुख की बातें करते हैं तो हँसते हैं और जब दुख की बातें करते है तो रोते हैं।
    • कभी बहुत खुश होते हैं कभी रो पड़ते हैं।
    • उपर्युक्त सभी।

    Solution

    B.

    जब वे अपने भाई-बांधवों से मिलकर सुख की बातें करते हैं तो हँसते हैं और जब दुख की बातें करते है तो रोते हैं।
    Question 31
    CBSEENHN8000595

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation

    40