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NCERT Solutions for Class 7 Hindi दूर्वा भाग 2 Chapter 5 थोड़ी धरती पाऊँ

थोड़ी धरती पाऊँ Here is the CBSE Hindi Chapter 5 for Class 7 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 7 Hindi थोड़ी धरती पाऊँ Chapter 5 NCERT Solutions for Class 7 Hindi थोड़ी धरती पाऊँ Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2025-26. You can save these solutions to your computer or use the Class 7 Hindi.

Question 1
CBSEENHN7000467

नीचे एक लकड़हारे और एक बच्ची की बातचीत दी गई है। इसे अपनी समझ से पूरा करो।

बच्चा- ओ भैया! आप इस पेड़ को क्यों काट रहे हो?

लकड़हारा- यह तो मेरा काम है।

बच्ची – पर यह तो गलत है।

लकड़हारा- यह कैसे गलत है? इसी से तो मेरे परिवार का भरण-पोषण होता है।

 

बच्ची………………………………………………………………………………………………………………………

लकड़हारा ………………………………………………………………………………………………………………..

 

Solution

बच्ची- काका इसके स्थान पर और भी तो काम कर सकते हो। आप नहीं जानते आपके इस व्यवसाय के कारण पृथ्वी तथा पूरी मानव जाति को कितने नुकसान उठाने पड़ रहे हैं।

लकड़हारा- मैं समझा नहीं कि मेरे पेड़ काटने से किसे नुकसान पहुँच रहा है।

बच्ची- देखिए काका जब आप पेड़ काटते हैं, तो हमारे वातावरण और पृथ्वी को बहुत नुकसान होता है। पेड़ काटने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है। पेड़ मिट्टी को बांधे रखते हैं। इसलिए पानी के बहाव में मिट्टी का नुकसान नहीं होता है। लेकिन यदि पेड़ ही काट दिए जाएं, तो बाढ़ आने पर मिट्टी बह जाती है। इससे खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी नहीं मिलती। पेड़ हवा को शुद्ध करते हैं। वे कार्बनडाइ ऑक्साइड लेकर जीवनदायनी ऑक्सीजन देते हैं तथा प्रकृति के संतुलन को बनाकर रखते हैं। पेड़ों के समाप्त होने से एक दिन हम भी समाप्त हो जाएँगे।

लकड़हारा- (हैरानी से) हमें तो इस बारे मैं कुछ जानकारी नहीं थी। बिटिया अब मैं पेड़ नहीं काटूँगा और जो पेड़ काटे हैं, उनके स्थान पर नए पेड़ लाऊँगा। मैं आज ही प्रण लेता हूँ कि पेड़ों की रक्षा के लिए सदैव सजग रहूँगा।

बच्ची- (प्रसन्नतापूर्वक)- धन्यवाद काका! यदि सभी आपके जैसे सोचने लग जाए, तो हमारी पृथ्वी सदैव हरियाली से भरी रहेगी और इसके साथ ही मानव सभ्यता भी फलेगी।

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