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NCERT Solutions for Class 12 Help.html Aroh Bhag Ii Chapter 6 शमशेर बहादुर सिंह

शमशेर बहादुर सिंह Here is the CBSE Help.html Chapter 6 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 Help.html शमशेर बहादुर सिंह Chapter 6 NCERT Solutions for Class 12 Help.html शमशेर बहादुर सिंह Chapter 6 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2025-26. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 Help.html.

Question 1
CBSEENHN12026219

शमशेर बहादुर सिंह के जीवन एवं साहित्य का परिचय देते हुए उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।

Solution

शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 1911 ई. में देहरादून (अब उत्तरांचल) में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून मे ही हुई। उन्होंने सन् 1933 में बी. ए. और सन् 1938 में एम. ए. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया। सन् 1935-36 में उन्होंने प्रसिद्ध चित्रकार उकील बंधुओं से चित्रकला का प्रशिक्षण लिया। सन् 1939 में ‘रूपाभ’ पत्रिका में सहायक के रूप में काम किया। फिर कहानी, नया साहित्य, कम्यून, माया, नया पथ, मनोहर कलियाँ आदि कई पत्रिकाओं में संपादन-सहयोग दिया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत उन्होंने सन् 1965-77 में ‘उर्दू-हिंदी कोश’ का संपादन किया। सन् 1981-1985 तक विक्रम विश्वविद्यालय (मध्य प्रदेश) के प्रेमचंद सृजनपीठ के अध्यक्ष रहे। सन् 1978 में उन्होंने सोवियत संघ की यात्रा की। 1993 ई. में आपका स्वर्गवास हो गया।

साहित्यिक विशेषताएँ: शमशेर बहादुर सिंह प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं। उनकी कविताओं में जीवन के राग-विराग के साथ--साथ समकालीन सामाजिक-राजनीतिक समस्याओं का कलात्मक चित्रण हुआ है। भाषा-प्रयोग में चमत्कार उत्पन्न करने वाले वे अत्यंत सजग कवि हैं। काव्य-वस्तु के चयन और शिल्प-गठन में उनकी सूझ-बूझ और कौशल का उत्कर्ष दिखता है। शमशेर की कविताओं के शब्द रंग भी हैं और रेखाएँ भी। उनके स्वर में दर्द है, ताकत है, प्रेम की पीड़ा है, जीवन की विडंबना है और जगत की विषमता भी है-ये सारी स्थितियाँ पाठकों को नई दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करती हैं।

उनकी कविताओं का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद हुआ है। उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान, कबीर सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान सहित अनेक साहित्यिक सम्मानों से विभूषित किया गया।

खुद को उर्दू और हिंदी का दोआब मानने वाले शमशेर की कविता एक संधिस्थल पर खड़ी है। यह संधि एक ओर साहित्य चित्रकला और संगीत की है तो दूसरी ओर मूर्तता और अमूर्तता की तथा ऐंद्रिय और ऐंद्रियेतर की है।

कथा और शिल्प दोनों ही स्तरों पर उनकी कविता का मिजाज अलग है। उर्दू शायरी के प्रभाव से उन्होंने संज्ञा और विशेषण से अधिक बल सर्वनामों, क्रियाओं, अव्ययों और मुहावरों को दिया है। उन्होंने खुद भी कुछ अच्छे शेर कहे हैं।

सचेत इंद्रियों का यह कवि जब प्रेम पीड़ा, संघर्ष और सृजन को गूँथकर कविता का महल बनाता है तो वह ठोस तो होता ही है अनुगूँजों से भी भरा होता है। वह पाठक को न केवल पड़े जाने के लिए आमंत्रित करती है, बल्कि सुनने और देखने को भी।

रचनाएँ: शमशेर की काव्य कृतियों में प्रमुख हैं-कुछ कविताएँ, कुछ और कविताएँ, चुका भी हूँ नहीं मैं, इतने पास अपने, उदिता, बात बोलेगी, काल तुझसे होड़ है मेरी।

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