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NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान कृतिका भाग २ Chapter 2 जॉर्ज पंचम की नाक

जॉर्ज पंचम की नाक Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 2 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान जॉर्ज पंचम की नाक Chapter 2 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान जॉर्ज पंचम की नाक Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2025-26. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

Question 1
CBSEENHN100018867

‘जार्ज पंचम की नाक’ पाठके माध्यम से लेखक ने समाज पर क्या व्यंग्य किया है?

अथवा

सिक्किम की युवती के कथन ‘मैं इंडियन हूँ’ से स्पष्ट होता है कि अपनी जाति, धर्म-क्षेत्र और संप्रदाय से। अधिक महत्वपूर्ण राष्ट्र है। आप किस प्रकार राष्ट्र के उत्तरप्रति अपने कर्तव्य निभाकर देश के प्रति अपना प्रेम प्रकट कर सकते हैं? समझाइए।

Solution

जार्ज पंचम की नाक’ पाठ के आधार पर लेखक ने समाज एवं देश की बदहाल स्थितियों पर करारा व्यंग्य किया गया है। इस पाठ में दर्शाया गया है कि अंग्रेजी हुकूमत से आज़ादी प्राप्त करने के बाद भी सत्ता से जुड़े लोगों की औपनिवेशक दौर की मानसिकता के शिकार हैं। ‘नाक’ मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जबकि कटी हुई नाक अपमान का प्रतीक है। जार्ज पंचम की नाक अर्थात् सम्मान एक साधारण भारतीय की नाक से भी छोटी (कम) है, फिर भी सरकारी अधिकारी उनकी नाक बचाने के लिए जी जान से लगे रहे। अंत में किसी जीवित व्यक्ति की नाक काटकर जार्ज पंचम की नाक लगा दी गई। केवल दिखावे के लिए या दूसरों को खुश करने के लिए अपनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया भारतीय जनता के आत्मसम्मान पर प्रहार दर्शाती है। इसमें सत्ता से जुड़े लोगों की मानसिकता पर व्यंग्य है।

अथवा

जिस प्रकार सिक्किम की युवती के कथन में ‘मैं । इंडियन हूँ’ से स्पष्ट होता है कि वे जाति, धर्म, संप्रदाय से कहीं अधिक राष्ट्र होता है। उसी प्रकार हम भी अपने राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाकर देश के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करेंगे। हम आजकल कई पर्यटन स्थलों में लोग आधुनिकता के रंग में रंगी हुई, प्रकृति को जाने-अनजाने नष्ट कर रहे हैं। वहाँ के सौंदर्य को नष्ट कर रहे हैं। इसे रोकना होगा नहीं तो हम प्रकृति के सौंदर्य से वंचित रहेंगे। हमें एक जागरूक नागरिक होने के नाते जन-जन में स्वच्छता का संदेश देना ‘होगा। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों को अधिक-से-अधिक वृक्षारोपण करने, पेड़ों को न काटने, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों एव उपकरणों के कम से कम प्रयोग आदि के प्रति जागरूक करने का प्रयास करेंगे।

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