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नीचे दी गई अवधारणा और उसके उचित उदाहरणों में मेल बैठाएँ।
(क) सकारात्मक कार्यवाई | 1. प्रत्येक व्यस्क नागरिक को मत देने का अधिकार है। |
(ख) अवसर की समानता | 2. बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज की ऊँची दर देते हैं। |
(ग) समान अधिकार | 3. प्रत्येक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए। |
(क) सकारात्मक कार्यवाई | 1. बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज की ऊँची दर देते हैं। |
(ख) अवसर की समानता | 2. प्रत्येक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए। |
(ग) समान अधिकार | 3. प्रत्येक व्यस्क नागरिक को मत देने का अधिकार है। |
किसानों की समस्या से संबंधित एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार छोटे और सीमांत किसानों को बाज़ार से अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता। रिपोर्ट में सलाह दी गई कि सरकार को बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। लेकिन यह प्रयास केवल लघु और सीमांत किसानों तक ही सीमित रहना चाहिए। क्या यह सलाह समानता के सिद्धांत से संभव है ?
हाँ, ये सलाह समानता के सिद्धांत के अनुसार ही हैं, क्योंकि सर्व्रप्रथम रिपोर्ट केवल छोटे और सीमांत-किसानों से ही सम्बन्धित हैं। दूसरा छोटे और सीमांत किसानों को बाज़ार से अपनी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप इसलिए अनिवार्य हो जाता है क्योंकि उनके पास बिना खेती वाले समय में गुजारे के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते। ऐसे में उन्हें उनके उत्पादन के लिए बेहतर मुआवजे देने की आवश्यकता होती हैं। लघु और सीमांत किसानों की कुछ स्वीकृत कार्यों यथा-उच्च रियासत और निम्न ब्याज वाले ऋण देकर उनकी सहायता की जा सकती हैं, ताकि वह भी एक उचित और न्यायसंगत जीवन व्यतीत कर सकें अथवा सरकार से कुछ आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकें।
निम्नलिखित में से किस में समानता के किस सिद्धांत का उल्लंघन होता है और क्यों ?
(क) कक्षा का हर बच्चा नाटक का पाठ अपना क्रम आने पर पड़ेगा।
(ख) कनाडा सरकार ने दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति से 1960 तक यूरोप के श्वेत नागरिकों को कनाडा में आने और बसने के लिए प्रोत्साहित किया।
(ग) वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से रेलवे आरक्षण की एक खिड़की खोली गई।
(घ) कुछ वन क्षेत्रों को निश्चित आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
(क) इस उदाहरण में 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन नहीं हैं। क्योंकि कक्षा में अनुशासन और सामंजस्य बनाए रखना आवश्यक है।
(ख) इस उदाहरण में कनाडा सरकार ने 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन किया है। क्योंकि केवल श्वेत नागरिकों को ही कनाडा में आने और बसने के लिए प्रोत्साहित करना रंग-भेद की नीति को दर्शाता हैं।
(ग) इस उदाहरण में 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन नहीं हैं। क्योंकि ये अधिकार वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं और उनकी ज़रूरतों को मद्देनज़र रखते हुए दिया गया हैं।
(घ) इस उदाहरण में भी 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन नहीं हैं। क्योंकि यह जनजातीय लोगों के आजीविका अधिकारों और उनकी संस्कृति की रक्षा करता है।
यहाँ महिलाओं को मताधिकार देने के पक्ष में कुछ तर्क दिए गए हैं। इनमें से कौन-से तर्क समानता के विचार से संगत हैं। कारण भी दीजिए।
(क) स्त्रियाँ हमारी माताएँ हैं। हम अपनी माताओं को मताधिकार से वंचित करके अपमानित नहीं करेंगे ?
(ख) सरकार के निर्णय पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रभावित करते हैं इसलिए शासकों के चुनाव में उनका भी मत होना चाहिए।
(ग) महिलाओं को मताधिकार न देने से परिवारों में मतभेद पैदा हो जाएँगे।
(घ) महिलाओं से मिलकर आधी दुनिया बनती है। मताधिकार से वंचित करके लंबे समय तक उन्हें दबाकर नहीं रखा जा सकता है।
(क) यह तर्क समानता के विचार से संगत नहीं हैं क्योंकि यह तर्क हमारी भावनाओं से उत्पन्न होता है।
(ख) यह तर्क समानता के विचार से संगत हैं क्योंकि यह तर्क महिलाओं पर निर्णय लेने की प्रक्रिया के प्रभाव पर आधारित है। इसलिए उन्हें भी शासकों के चुनाव में सहभागी होना चाहिए।
(ग) यह तर्क समानता के विचार से संगत नहीं हैं क्योंकि यह तर्क महिलाओं को उनके प्रतिनिधियों को चुनने के समान अवसर देने के बजाय परिवार में मतभेद की की ओर अधिक चिंतित है।
(घ) यह तर्क समानता के विचार से संगत हैं क्योंकि महिलाओं को समाज की संरचना में पुरुषों के समान माना जाता है। विश्व की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है और इसलिए उन्हें मताधिकार के लिए समान महत्व और अवसर दिया जाना चाहिए।
कुछ लोगों का तर्क है कि असमानता प्राकृतिक है जबकि कुछ अन्य का कहना है कि वास्तव में समानता प्राकृतिक है और जो असमानता हम चारों ओर देखते हैं उसे समाज ने पैदा किया है। आप किस मत का समर्थन करते हैं ? कारण दीजिए।
'समानता' शब्द का वास्तविक अर्थ यह है कि सभी व्यक्तियों को समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए ताकि सभी व्यक्ति अपनी योग्यता के आधार पर अपना विकास कर सके और इसके लिए विशेष अधिकारों की समाप्ति होनी चाहिए। सभी को उन्नति के समान अवसर मिलने चाहिए। इस मत के समर्थकों का कहना है कि प्रकृति ने सभी मनुष्य को समान बनाया है।
परंतु यह मत ठीक नहीं हैं। प्रकृति ने सभी मनुष्य को एक-समान नहीं बनाया। प्राकृतिक और सामाजिक असमानताएँ इस बात की पुष्टि करती हैं। प्राकृतिक असमानताएँ लोगों में उनकी विभिन्न क्षमताओं, प्रतिभा और उनके अलग-अलग चयन के कारण पैदा होती हैं। सामाजिक असमानताएँ वे होती हैं, जो समाज में अवसरों की असमानता होने या किसी समूह का दूसरे के द्वारा शोषण किए जाने से पैदा होती हैं।
प्रकृति ने मनुष्य में असमानताएँ उत्पन्न की है परंतु सभी मनुष्य में मौलिक समानताएँ होती हैं। समानता का अर्थ है मनुष्य की मौलिक समानताएँ जो समाज की असमानताओं से नष्ट नहीं होनी चाहिए। समाज में पाई जाने वाली असमानताओं को दूर करके सभी को उन्नति के समान अवसर मिलने चाहिए। किसी मनुष्य के साथ जाति, धर्म, रंग, लिंग, धन आदि के आधार पर भेद नहीं होना चाहिए अर्थात् समाज में जाति, धर्म, रंग, लिंग, धन आदि के आधार पर असमानताएँ नहीं होनी चाहिए, यदि हों तो उन्हें समाप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।
एक मत है कि पूर्ण-आर्थिक समानता न तो संभव है और न ही वांछनीय। एक समाज ज़्यादा से ज़्यादा बहुत अमीर और बहुत ग़रीब लोगों के बीच की खाई को कम करने का प्रयास कर सकता है। क्या आप इस तर्क से सहमत हैं? अपना तर्क दीजिए।
अमीर और ग़रीब के बीच मौजूद आर्थिक असमानता के विभिन्न विचार तथा तर्क निम्नलिखित दिए जा रहे हैं:
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