राजनीतिक सिद्धांत Chapter 3 समानता
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    NCERT Solution For Class 11 राजनीतिक विज्ञान राजनीतिक सिद्धांत

    समानता Here is the CBSE राजनीतिक विज्ञान Chapter 3 for Class 11 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 11 राजनीतिक विज्ञान समानता Chapter 3 NCERT Solutions for Class 11 राजनीतिक विज्ञान समानता Chapter 3 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 11 राजनीतिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHIPOH11021795

    नीचे दी गई अवधारणा और उसके उचित उदाहरणों में मेल बैठाएँ।

    (क) सकारात्मक कार्यवाई   1. प्रत्येक व्यस्क नागरिक को मत देने का अधिकार है।
    (ख) अवसर की समानता  2. बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज की ऊँची दर देते हैं। 
    (ग) समान अधिकार  3. प्रत्येक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए। 

     

    Solution
    (क) सकारात्मक कार्यवाई   1. बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज की ऊँची दर देते हैं।  
    (ख) अवसर की समानता  2. प्रत्येक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए।
    (ग) समान अधिकार  3. प्रत्येक व्यस्क नागरिक को मत देने का अधिकार है।
    Question 2
    CBSEHHIPOH11021796

    किसानों की समस्या से संबंधित एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार छोटे और सीमांत किसानों को बाज़ार से अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता। रिपोर्ट में सलाह दी गई कि सरकार को बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। लेकिन यह प्रयास केवल लघु और सीमांत किसानों तक ही सीमित रहना चाहिए। क्या यह सलाह समानता के सिद्धांत से संभव है ?

    Solution

    हाँ, ये सलाह समानता के सिद्धांत के अनुसार ही हैं, क्योंकि सर्व्रप्रथम रिपोर्ट केवल छोटे और सीमांत-किसानों से ही सम्बन्धित हैं। दूसरा छोटे और सीमांत किसानों को बाज़ार से अपनी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप इसलिए अनिवार्य हो जाता है क्योंकि उनके पास बिना खेती वाले समय में गुजारे के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते। ऐसे में उन्हें उनके उत्पादन के लिए बेहतर मुआवजे देने की आवश्यकता होती हैं। लघु और सीमांत किसानों की कुछ स्वीकृत कार्यों यथा-उच्च रियासत और निम्न ब्याज वाले ऋण देकर उनकी सहायता की जा सकती हैं, ताकि वह भी एक उचित और न्यायसंगत जीवन व्यतीत कर सकें अथवा सरकार से कुछ आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकें।

    Question 3
    CBSEHHIPOH11021797

    निम्नलिखित में से किस में समानता के किस सिद्धांत का उल्लंघन होता है और क्यों ?
    (क) कक्षा का हर बच्चा नाटक का पाठ अपना क्रम आने पर पड़ेगा।
    (ख) कनाडा सरकार ने दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति से 1960 तक यूरोप के श्वेत नागरिकों को कनाडा में आने और बसने के लिए प्रोत्साहित किया।
    (ग) वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से रेलवे आरक्षण की एक खिड़की खोली गई।
    (घ) कुछ वन क्षेत्रों को निश्चित आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

    Solution

    (क) इस उदाहरण में 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन नहीं हैं। क्योंकि कक्षा में अनुशासन और सामंजस्य बनाए रखना आवश्यक है।
    (ख) इस उदाहरण में कनाडा सरकार ने 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन किया है। क्योंकि केवल श्वेत नागरिकों को ही कनाडा में आने और बसने के लिए प्रोत्साहित करना रंग-भेद की नीति को दर्शाता हैं।  
    (ग) इस उदाहरण में 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन नहीं हैं। क्योंकि ये अधिकार वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं और उनकी ज़रूरतों को मद्देनज़र रखते हुए दिया गया हैं। 
    (घ) इस उदाहरण में भी 'समानता के सिद्धांत' का उल्लंघन नहीं हैं। क्योंकि यह जनजातीय लोगों के आजीविका अधिकारों और उनकी संस्कृति की रक्षा करता है।

    Question 4
    CBSEHHIPOH11021798

    यहाँ महिलाओं को मताधिकार देने के पक्ष में कुछ तर्क दिए गए हैं। इनमें से कौन-से तर्क समानता के विचार से संगत हैं। कारण भी दीजिए।
    (क) स्त्रियाँ हमारी माताएँ हैं। हम अपनी माताओं को मताधिकार से वंचित करके अपमानित नहीं करेंगे ?
    (ख) सरकार के निर्णय पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रभावित करते हैं इसलिए शासकों के चुनाव में उनका भी मत होना चाहिए।
    (ग) महिलाओं को मताधिकार न देने से परिवारों में मतभेद पैदा हो जाएँगे।
    (घ) महिलाओं से मिलकर आधी दुनिया बनती है। मताधिकार से वंचित करके लंबे समय तक उन्हें दबाकर नहीं रखा जा सकता है।

    Solution

    (क) यह तर्क समानता के विचार से संगत नहीं हैं क्योंकि यह तर्क हमारी भावनाओं से उत्पन्न होता है।
    (ख) यह तर्क समानता के विचार से संगत हैं क्योंकि यह तर्क महिलाओं पर निर्णय लेने की प्रक्रिया के प्रभाव पर आधारित है। इसलिए उन्हें भी शासकों के चुनाव में सहभागी होना चाहिए।  
    (ग) यह तर्क समानता के विचार से संगत नहीं हैं क्योंकि यह तर्क महिलाओं को उनके प्रतिनिधियों को चुनने के समान अवसर देने के बजाय परिवार में मतभेद की की ओर अधिक चिंतित है।
    (घ) यह तर्क समानता के विचार से संगत हैं क्योंकि महिलाओं को समाज की संरचना में पुरुषों के समान माना जाता है। विश्व की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है और इसलिए उन्हें मताधिकार के लिए समान महत्व और अवसर दिया जाना चाहिए।

    Question 5
    CBSEHHIPOH11021799

    कुछ लोगों का तर्क है कि असमानता प्राकृतिक है जबकि कुछ अन्य का कहना है कि वास्तव में समानता प्राकृतिक है और जो असमानता हम चारों ओर देखते हैं उसे समाज ने पैदा किया है। आप किस मत का समर्थन करते हैं ? कारण दीजिए।

    Solution

    'समानता' शब्द का वास्तविक अर्थ यह है कि सभी व्यक्तियों को समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए ताकि सभी व्यक्ति अपनी योग्यता के आधार पर अपना विकास कर सके और इसके लिए विशेष अधिकारों की समाप्ति होनी चाहिए। सभी को उन्नति के समान अवसर मिलने चाहिए। इस मत के समर्थकों का कहना है कि प्रकृति ने सभी मनुष्य को समान बनाया है।

    परंतु यह मत ठीक नहीं हैं। प्रकृति ने सभी मनुष्य को एक-समान नहीं बनाया। प्राकृतिक और सामाजिक असमानताएँ इस बात की पुष्टि करती हैं। प्राकृतिक असमानताएँ लोगों में उनकी विभिन्न क्षमताओं, प्रतिभा और उनके अलग-अलग चयन के कारण पैदा होती हैं। सामाजिक असमानताएँ वे होती हैं, जो समाज में अवसरों की असमानता होने या किसी समूह का दूसरे के द्वारा शोषण किए जाने से पैदा होती हैं।

    प्रकृति ने मनुष्य में असमानताएँ उत्पन्न की है परंतु सभी मनुष्य में मौलिक समानताएँ होती हैं। समानता का अर्थ है मनुष्य की मौलिक समानताएँ जो समाज की असमानताओं से नष्ट नहीं होनी चाहिए। समाज में पाई जाने वाली असमानताओं को दूर करके सभी को उन्नति के समान अवसर मिलने चाहिए। किसी मनुष्य के साथ जाति, धर्म, रंग, लिंग, धन आदि के आधार पर भेद नहीं होना चाहिए अर्थात् समाज में जाति, धर्म, रंग, लिंग, धन आदि के आधार पर असमानताएँ नहीं होनी चाहिए, यदि हों तो उन्हें समाप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।

    Question 6
    CBSEHHIPOH11021800

    एक मत है कि पूर्ण-आर्थिक समानता न तो संभव है और न ही वांछनीय। एक समाज ज़्यादा से ज़्यादा बहुत अमीर और बहुत ग़रीब लोगों के बीच की खाई को कम करने का प्रयास कर सकता है। क्या आप इस तर्क से सहमत हैं? अपना तर्क दीजिए।

    Solution

    अमीर और ग़रीब के बीच मौजूद आर्थिक असमानता के विभिन्न विचार तथा तर्क निम्नलिखित दिए जा रहे हैं:

    1. यह विचार पूर्णतया सही हैं कि एक समाज में पूर्ण आर्थिक समानता न तो सम्भव हैं, और न ही वांछनीय है। क्योंकि सभी व्यक्ति न तो अत्याधिक धनि या अत्याधिक ग़रीब हो सकते हैं। समाज में लोगों की अपनी-अपनी भूमिकाएँ, स्थितियाँ और ओहदा होता हैं जिस कारण समाज सुचारु रूप से चल पाता हैं।
    2. समाज में लोग अपनी क्षमताओं के अनुसार अलग-अलग ओहदा (Rank) प्राप्त करते हैं और उनके काम और जिम्मेदारियाँ उनकी रैंक से ही जुडी होती हैं जिसके अनुसार ही उन्हें भुगतान किया जाता हैं। इसी कारण पूर्ण आर्थिक समानता संभव नहीं हो सकती क्योंकि आय में असमानता तो समाज में रहेगी।
    3. परन्तु समाज केवल अनेक प्रयासों से ही अमीर और ग़रीब के अंतर को कम कर सकता हैं। इस अंतर को कम करने के लिए ग़रीब वर्ग को विशेष आर्थिक सुविधाएँ प्रदान की जा सकती हैं।   
    4. इसके साथ ही, उन्हें विकास के उचित अवसर प्रदान किए जा सकते हैं तथा संविधान के अंतर्गत उन्हें सरकारी शिक्षण संस्थाओं एवं नौकरियों में कुछ प्रतिशत आरक्षण भी दिया जा सकता है।
    5. आज अधिकतर लोकतंत्र लोगों को समान अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं। यह माना जाता है कि समान अवसर कम से कम उन्हें अपनी हालत को सुधारने का मौका देते हैं जिनके पास प्रतिभा और संकल्प है।
    6. समान अवसरों के साथ भी असमानता बनी रह सकती है, लेकिन इसमें यह संभावना छुपी है कि आवश्यक प्रयासों द्वारा कोई भी समाज में अपनी स्थिति बेहतर कर सकता है।

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