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TextBook Solutions for Board of High School and Intermediate Education Uttar Pradesh Class 11 Hindi Aroh Chapter 17 दुष्यंत कुमार

Question 1
CBSEENHN11012317

दुष्यंत कुमार के जीवन का परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

Solution

जीवन-परिचय-दुष्यंत कुमार नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं। इनका जन्म। सितम्बर, सन् 1933 को राजापुर-नवादा, जिला बिजनौर में हुआ था। उनके बचपन का नाम दुष्यंत नारायण था। इन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से एमए की उपाधि प्राप्त की। उनके साहित्यिक जीवन का प्रारंभ भी प्रयाग से ही हुआ। उनके घनिष्ठ मित्रों में कमलेश्वर, माकण्डेय आदि थे। वे ‘परिमल’ की गोष्ठियों में भाग लेते रहे। ‘नये पत्ते’ जैसी महत्वपूर्ण पत्रिका के साथ वे जुड़े रहे। उन्होंने कुछ समय तक आकाशवाणी में भी नौकरी की। बाद में सहायक निदेशक के रूप में मध्य प्रदेश के भाषा विभाग में कार्य किया। वे अधिक दिन तक जीवित न रह सकें। तैंतालीस वर्ष की अल्पायु में ही 30 दिसम्बर, 1975 को भोपाल में उनकी मृत्यु हो गई।

साहित्यिक विशेषताएं: दुष्यंत कुमार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम. ए. किया। उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ इलाहाबाद से ही हुआ। उन्होंने ‘परिमल’ की गोष्ठियों में सक्रिय रूप से भाग लिया और ‘नए पत्ते’ जैसे महत्त्वपूर्ण पत्र से जुड़े रहे। दुष्यंत कुमार ने अपनी आजीविका के लिए आकाशवाणी में नौकरी की और देश के अनेक आकाशवाणी केंद्रों पर हिन्दी कार्यक्रमों को सँभालने का महत्वपूर्ण कार्य किया। बाद में सहायक निदेशक के रूप में मध्य प्रदेश के भाषा विभाग से जुड़ गए।

दुष्यंत कुमार का लेखन सहज और स्वाभाविक था, जिससे उन्हें लोकप्रियता प्राप्त हुई। हिन्दी कविता में गीत और गजल लिखने में दुष्यंत कुमार का कोई सानी नहीं था। उन्होंने कविता, के क्षेत्र में कई नए प्रयोग किए, किन्तु उनकी विशिष्ट देन है हिन्दी गजल। अपनी गजलों के बारे में उन्होंने लिखा है-’ मैं स्वीकार करता हूँ कि गजल को किसी भूमिका की जरूरत नहीं होती...मैं प्रतिबद्ध कवि हूँ..यह प्रतिबद्धता किसी पार्टी से नहीं, आज के मनुष्य से है और मैं जिस आदमी के लिए लिखता हूँ, यह भी चाहता हूँ कि वह आदमी उसे पड़े और समझे।’

श्री दुष्यंत कुमार नई कविता के एक प्रतिभाशाली कवि थे। उन्होंने कविता के क्षेत्र में अनेक सफल प्रयोग किए, किन्तु उनकी ख्याति का आधार रहे हैं-गीत और गजल। अन्य विधाओं के समान गजल भी हिन्दी के लिए नई रही है। गजल लिखने में जो सलीका और अंदाज होना चाहिए, वह दुष्यंत कुमार में हमें देखने को मिलता है।

दुष्यंत कुमार का लेखन सहज एवं स्वाभाविक था। उन्होंने कविता के क्षेत्र में कई नए प्रयोग किए। वे मूलत: कवि थे, किन्तु उन्होंने उपन्यास और नाटक-विद्या में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। ‘एक कंठ विषपायी’ दुष्यंत कुमार का एक महत्वपूर्ण गीति नाट्य है। मुख्य काव्य रचनाएँ: सूर्य का स्वागत, आवाजों के घेरे, साये में धूप, जलते हुए वन का वसंत आदि।

उपन्यास-छोटे-छोटे सवाल, गिन में एक वृक्ष, दोहरी जिंदगी।

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