सपनों के से दिन
पी.टी. सर कठोर स्वभाव के व्यक्ति थे। बच्चों को सजा देते हुए वह भूल जाते थे कि बच्चे कोमल होते हैं। उनकी आह का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता था। यह उनकी कठोरता का प्रमाण है। अनुशासन बनाए रखने के लिए बच्चों के साथ कठोरता की हद पार कर जाते थे। उनके अनुसार अनुशासन के माध्यम से ही बच्चों को सुधारा जा सकता था। उनके अंदर हृदय ही नहीं था। बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करते थे। जो व्यक्ति बच्चों को जानवरों से भी बुरा मारता हो, उसके अंदर मानवीय भावनाओं का होना असंभव लगता है। जीवनमूल्यों के आधार पर देखा जाए, तो यह उचित नहीं है। शायद यही सभी कारण थे कि आज की शिक्षा व्यवस्था में नई मान्यताओं को स्वीकृति मिली है। प्रधानाचार्य शर्मा जी द्वारा अपनाया गया व्यवहार बच्चों को नई विकासधारा देता है। शर्मा जी के माध्यम से बताया गया है कि कैसे बच्चों को पढ़ाया जाए, उनके साथ कैसा व्यवहार हो कि वे विद्यालय के वातावरण में स्वयं को सहज महसूस करें। यह युक्तियाँ अध्यापक और बच्चों के मध्य अच्छा संबंध बनाती है और बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
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विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई गई युक्तियों और वर्तमान में स्वीकृत मान्यताओं के संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए।
प्राय:अभिभावक बच्चों को खेल-कूद में ज़्यादा रूचि लेने पर रोकते हैं और समय बरबाद न करने की नसीहत देते हैं। बताइए
(क) खेल आपके लिए क्यों ज़रूरी हैं?
(ख) आप कौन से ऐसे नियम-कायदों को अपनाएँगे जिससे अभिभावकों को आपके खेल पर आपत्ति न हो?
'सपनों के से दिन' पाठ में हेडमास्टर शर्मा जी की, बच्चों को मारने–पीटने वाले अध्यापकों के प्रति, क्या धारणा थी? जीवन–मूल्यों के संदर्भ में उसके औचित्य पर अपने विचार लिखिए।
निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) टोपी शुक्ला के घर की बूढ़ी नौकरानी को टोपी के प्रति प्रेम और सहानुभूति क्यों थी? कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
(ख) 'टोपी शुक्ला' पाठ के आधार पर बताइए कि इफ़्फ़न की दादी मिली-जुली संस्कृति में विश्वास क्यों रखती थी। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
(ग) 'सपनों के-से दिन' पाठ के आधार पर बताइए कि कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं डालती। उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
'सपनों केसे दिन' पाठ के आधार पर बताइए कि बच्चों का खेलकूद में अधिक रुचि लेना अभिभावकों को अप्रिय क्यों लगता था|पढ़ाई के साथ खेलों का छात्र जीवन में क्यामहत्त्व है और इससे किन जीवनमूल्यों की प्रेरणा मिलती है? स्पष्ट कीजिए।
'सपनों के से दिन' पाठ में पीटी सर की किन चारित्रिक विशेषताओं का उललेख किया गया है? वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में स्वीकृत मान्यताओं और पाठ में वर्णित युक्तियाओं के संबंध में अपने विचार जीवन मूल्यों की दृष्टि से व्यक्त कीजिए।
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