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सपनों के से दिन

Question
CBSEHIHN10002870

'सपनों के से दिन' पाठ में हेडमास्टर शर्मा जी की, बच्चों को मारने–पीटने वाले अध्यापकों के ​प्रति, क्या धारणा थी? जीवन–मूल्यों के संदर्भ में उसके औचित्य पर अपने विचार लिखिए। 

Solution

हेडमास्टर साहब के अनुसार बच्चे शिक्षा लेने आते हैं, उनके अमानवीय व्यवहार करना खराब बात थी। अतः जो अध्यापक बच्चों के साथ मार-पीट करते थे, उन्हें ऐसे अध्यापक पसंद नहीं थे। उनका मानना था कि बच्चे कोमल होते हैं, उनके साथ मार-पीटाई नहीं करनी चाहिए। जो अध्यापक ऐसा करते हैं, उन्हें शिक्षक बनने का अधिकार नहीं है। यही कारण है जब मास्टर प्रीतमचंद को अपनी कक्षा के बच्चों के साथ पिटाई करते देखा, तो वह क्रोधित हो गए। उन्होंने उस समय तुरंत निर्णय लिया और मास्टर प्रीतमचंद को नौकरी से निकाल दिया। शिक्षक का कार्य है बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें ज्ञान देना। उनके भविष्य की नींव रखना। परन्तु यदि शिक्षक ही बच्चों के साथ मार-पिटाई करेंगे, तो वह शिक्षा प्राप्त करने के स्थान पर पढ़ने से डरने लगेंगे। इस तरह वे विद्यालय में आना बंद कर देंगे। शिक्षक का स्थान माता-पिता के बाद होता है। अतः यदि शिक्षक ही अपने मार्ग से हट जाए, तो बच्चों के भविष्य को कौन संवारेगा। अतः हमें समझना चाहिए कि बच्चों के साथ प्रेम और उदारता का व्यवहार करें। शिक्षक के यही मूल्य बच्चों के जीवन को संवार सकेंगे।

Some More Questions From सपनों के से दिन Chapter

कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती− पाठ के किस अंश से यह सिद्ध होता हैं?

पीटी साहब की 'शाबाश' फ़ौज के तमगों-सी क्यों लगती थी। स्पष्ट कीजिए। 

नयी श्रेणी में जाने और नयी कापियों और पुरानी किताबों से आती विशेष गंध से लेखक का बालमन क्यों उदास हो उठता था?

स्काउट परेड करते समय लेखक अपने को महत्वपूर्ण 'आदमी' फ़ौजी जवान क्यों समझने लगता था?

हेडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को क्यों मुअतल कर दिया?

लेखक के अनुसार उन्हें स्कूल खुशी से भागे जाने की जगह न लगने पर भी कब और क्यों उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगने लगा?

लेखक अपने छात्र जीवन में स्कूल से छुट्टियों में मिले काम को पूरा करने के लिए क्या-क्या योजनाएँ बनाया करता था और उसे पूरा न कर पाने की स्थिति में किसकी भाँति 'बहादुर' बनने की कल्पना किया करता था?

पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई गई युक्तियों और वर्तमान में स्वीकृत मान्यताओं के संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए।

बचपन की यादें मन को गुदगुदाने वाली होती हैं विशेषकर स्कूली दिनों की। अपने अब तक के स्कूली जीवन की खट्टी-मीठी यादों को लिखिए।