स्वतंत्रता के बाद
योजना आयोग की क्या भूमिका थी ?
(i) योजना आयोग की भूमिका आर्थिक विकास के लिए नीतियाँ बनाने और उनको लागू करने की थी।
(ii) राज्य और निजी क्षेत्र, दोनों ही उत्पादन बढ़ाने और रोजगार पैदा करने में महत्वपूर्ण और परस्पर पूरक भूमिका अदा करेंगे। इसलिए योजना आयोग की भूमिका इन सबको परिभाषित करने की थी कि कौन-से उद्योग सरकार द्वारा और कौन-से उद्योग बाजार द्वारा यानि निजी उद्योगपतियों द्वारा लगाए जाएँगे, विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों के बीच किस' तरह संतुलन बनाया जाएगा।
(iii) अन्तत: भारत और भारतीयों को गरीबी से मुक्त कराने और आधुनिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार निर्मित करना नए भारत के मुख्य उद्देश्य थे।
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.............. की मृत्यु से इतना ज़बरदस्त आंदोलन पैदा हुआ कि सर्कार को आंध्र भाषी राज्य के गठन की माँग को मानना पड़ा।
'राजनीति में हमारे पास समानता होगी और सामाजिक व आर्थिक जीवन में हम असमानता की राह पर चलेंगे' कहने के पीछे डॉ. अम्बेडकर का क्या आशय था?
स्वतंत्रता के बाद देश को भाषा के आधार पर राज्यों में बाँटने के प्रति हिचकिचाहट क्यों थी ?
एक कारण बताइए कि आज़ादी के बाद भी भारत में अंग्रेज़ी क्यों जारी रही?
आज़ादी के बाद प्रारंभिक दशकों में भारत के आर्थिक विकास की कल्पना किस तरह की गई थी?
मीरा बहन कोन थीं? उसके जीवन और आदर्शों के बारे में पता लगाएँ।
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