बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक
पहले महायुद्ध के दौरान अपना स्टील उत्पादन बढ़ाने में टिस्को को किस बात से मदद मिली?
जब तक टिस्को की स्थापना हुई, हालात बदलने लगे थे। 1914 में पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ। ब्रिटेन में बनने वाले इस्पात को यूरोप में युद्ध संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए झोंक दिया गया। इस तरह भारत आने वाले ब्रिटिश स्टील की मात्रा में भारी गिरावट आई और रेल की पटरियों के लिए भारतीय रेलवे टिस्को पर आश्रित हो गया। जब युद्ध लम्बा खिंच गया तो टिस्को को युद्ध के लिए गोलों के खोल और रेलगाड़ियों के पहिये बनाने का काम भी सौंप दिया गया। 1919 तक स्थिति यह हो गयी थी की टिस्को में बनने वाले 90 प्रतिशत इस्पात को औपनिवेशिक सरकार की खरीद लेती थी। जैसे-जैसे समय बीता टिस्को समूचे ब्रिटिश साम्राज्य में इस्पात का सबसे बड़ा कारख़ाना बन चूका था।
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यूरोप में किस तरह के कपड़ों की भारी माँग थी ?
जामदानी क्या है?
बंडाना क्या है?
अगरिया कौन होते हैं?
अंग्रेज़ी का शिंट्ज़ शब्द हिंदी के ...............शब्द से निकला है।
टीपू की तलवार ................. स्टील से बनी थी ।
भारत का कपड़ा निर्यात ............. सदी में गिरने लगा।
विभिन्न कपड़ों के नामों से उनके इतिहासों के बारे में क्या पता चलता है?
इंग्लैंड के ऊन और रेशम उत्पादकों ने अठारहवीं सदी की शुरुआत में भारत से आयत होने वाले कपड़े का विरोध क्यों किया था?
ब्रिटेन में कपास उद्योग के विकास से भारत के कपड़ा उत्पादकों पर किस तरह के प्रभाव पड़े?
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