मुद्रा और बैंकिंग
भारतीय रिजर्व बैंक की किस भूमिका को अंतिम ऋणदाता कहा जाता है ?
केंद्रीय बैंक व्यावसायिक बैंकों के लिए अंतिम ऋणदाता (Lender of Last Resort) के रूप में कार्य करता है, जब व्यावसायिक बैंक जमाकर्ताओं के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करने में असफल होते हैं, तो केंद्रीय बैंक उनके बचाव के लिए आता है। ऐसे समय में भारतीय रिजर्व बैंक व्यावसायिक बिलों की पुनः कटौती करके अथवा प्रतिभूतियों की जमानत पर ऋण प्रदान करता है।
ऐसी स्थिति तब उत्पन्न होती है जब व्यवसायिक बैंक को अपने ग्राहकों की नकद मुद्रा की माँग के भुगतान के लिए कभी-कभी अधिक मात्रा में मुद्रा की आवश्यकता पड़ती है। ऐसी स्थिति में जब व्यवसायिक बैंक अपने ग्राहकों की माँग की पूर्ति अपने साधनों से नहीं कर पाते तो वे भारतीय बैंक से सहायता की माँग करते हैं तथा भारतीय रिज़र्व बैंक अंतिम ऋणदाता के रूप में अनिवार्य रूप से उनकी सहायता करता है।
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