व्यावसायिक बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए।
वेबसाइट बैंक के कार्य निम्नलिखित हैं :
- जमा स्वीकार करना: वेबसाइट बैंक व्यक्तियों, व्यावसायिक फर्मों और अन्य संस्थाओं से निम्नलिखित रूपों में जमाएँ स्वीकार करते हैं।
- चालू जमा खाता:यह ऐसी जमा होती है जिनका भुगतान बैंकों को खाता-धारियों की माँग पर तत्काल करना होता है। इस खाते में जमा राशियाँ, माँग जमा कहलाती है क्योंकि माँगने पर कभी भी निकलवा सकते हैं। इस खाते में बैंक ब्याज नहीं देता बल्कि उनसे कुछ-ना-कुछ लेते हैं।
- बचत खाता: यह खाता छोटी-छोटी बचतों को प्रोत्साहित करने के लिए होता है। यह परिवारों के लिए लाभदायक है, जिनको एक बार रुपए जमा कराने के बाद तुरंत जरूरत नहीं पड़ती है। बचत खाते में जमा राशि पर से 4 - 5% ब्याज प्राप्त होता हैं।
- सावधि खाता: सावधि जमा वह होती है जिसकी परिपक्वता की अवधि निर्धारित होती है। इसमें दीर्घ व निश्चितकाल के लिए जमा स्वीकार की जाती है, इसलिए इस खाते में ब्याज की रकम अधिक होती है। एक निश्चित अवधि पूरा होने के पश्चात ही इसमें जमा राशि को निकलवा सकते हैं।
- ऋण देना: बैंक का दूसरा मुख्य कार्य ग्राहकों को ऋण देना है। बैंक दूसरे लोगों से जमा स्वीकार करते हैं, तत्पश्चात एक निश्चित भाग सुरक्षा कोष में रखकर, शेष राशि व्यापारियों एवं उद्यमियों को ब्याज पर उधार देते हैं। वास्तव ब्याज ही बैंक की आय का मुख्य स्त्रोत हैं।
- एजेंसी कार्य: बैंक अपने ग्राहकों का एजेंट के रूप में भी कार्य करता है जिसके लिए बैंक कुछ कमीशन लेता है। बैंक द्वारा प्रदत एजेंसी सेवाएँ निम्नलिखित है:
- नकद कोषों का हस्तांतरण: बैंक-ड्राफ्ट उधार खाते की चिट्ठी तथा अन्य साख-पत्रों द्वारा बैंक एक स्थान से दूसरे स्थान को रकम का स्थानांतरण करता हैं ये सेवा कम लागत, शीघ्रता और सुरक्षा-युक्त होती हैं।
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बैंक अपने ग्राहकों के लिए कंपनियों के शेयर बेचना और खरीदना है या कंपनियों के नाम पर हिस्सेदारी में लाभ को बाँटता है।
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नगद संग्रह करना: बैंक अपने ग्राहकों के लिए उनके आदेश पर चेक, धनादेश हुंडियों आदि की रकम उनके दाताओं से वसूल करता है।
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ग्राहकों को आयकर संबंधी परामर्श देता है और उनके आयकर का भुगतान भी करता है।
- सामान्य उपयोगी सेवाएँ: बैंक द्वारा उपलब्ध अन्य उपयोगी सेवाएँ निम्नलिखित है:
- विदेशी मुद्रा का क्रय-विक्रय।
- पर्यटक तथा उपहार चैक जारी करना।
- कीमती वस्तुओं को लॉकरों में संभालकर रखना।
- प्रतिभूतियों की बिक्री की व्यवस्था करना।