उमाशंकर जोशी

Question

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
कजरारे बादलों की छाई नभ छाया,
तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।

1. प्रकृति-सौदर्य स्पष्ट कीजिए।
2. शिल्प-सौदंर्य स्पष्ट करें।


Answer

1. आकाश में तैरते सफेद बगुलों की पंक्ति कवि को कजरारे बादलों के ऊपर तैरती साँझ की श्वेत काया के समान प्रतीत होती है। यह श्वेत छाया सफेद बगुलों की पंक्ति से निर्मित हुई है।
2. शिल्प-सौंदर्य:
- आकाश में तैरते बगुलों का बिंब साकार हो उठा है।
- ‘सतेज श्वेत’ में अनुप्रास अलंकार है।
- सरल भाषा का प्रयोग है।

Sponsor Area

Some More Questions From उमाशंकर जोशी Chapter

काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या: छोटा मेरा खेत

छोटा मेरा खेत चौकोना

कागज का एक पन्ना,

कोई अँधड कहीं से आया

क्षण का बीज वहाँ बोया गया।

कल्पना के रसायनों को पी

बीज गल गया निःशेष;

शब्द के अंकुर फूटे,

पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।

झूमने लगे फल,

रस अलौकिक,

अमृत धाराएँ फूटतीं

रोपाई क्षण की,

कटाई अनंतता की

लुटते रहने से जरा भी नहीं कम होती।

रस का अक्षय पात्र सदा का

छोटा मेरा खेत चौकोना।

कवि ने कागज की तुलना किससे की है और क्यों?

कवि के अनुसार बीज की रोपाई का क्या परिणाम होता है?

अंधड किसका प्रतीक है? वह क्या कर जाता है?

पौधों के फलों का काव्य-सृजन से क्या संबंध स्थापित किया गया है?

बगुलों के पंख

नभ में पाँती-बँधे बगुलों के पंख,

चुराए लिए जातीं वे मेरी आँखें।

कजरारे बादलों की छाई नभ छाया,

तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।

हौले हौले जाती मुझे बाँध निज माया से।

उसे कोई तनिक रोक रक्खो।

वह तो चुराए लिए जातीं मेरी आँखें

नभ में पाँती-बँधी बगुलों की पाँखें।



कवि ने आकाश में पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद बगुलों की तुलना किससे की है?

‘वह तो चुराए लिए जाती मेरी आँखें’-काव्य-पंक्ति के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि कवि की आँखें कौन और किस प्रकार चुराए लिए जा रहा है?

‘उसे कोई तनिक रोक रक्खो’-काव्य-पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?