फिराक गोरखपुरी

Question

रुबाइयाँ’ के आधार पर घर-आँगन में दीवाली और राखी के दृश्य-बिंब को अपने शब्दों में समझाइए।

Answer

दीवाली के अवसर पर घरों की पुताई की जाती है और उन्हें सजाया जाता है। दीवाली की शाम को इन पुते-सजे घरों में मिठाई के नाम पर चीनी के बने खिलौने आते हैं (चीनी के मीठे खिलौने), रोशनी भी जगमगाती है। इस अवसर पर माँ के रूपवती मुखड़े पर एक नरम-सी दमक आ जाती है। वह बच्चे के बनाए घर में दिए जलाती है। जब माँ बच्चे के घरोंदे में दिए जलाती है तो दिए की झिलमिलाती रोशनी की दमक माँ के मुखड़े की चमक को एक नई आभा प्रदान कर देती है।

राखी: शायर बताता है कि रक्षाबंधन एक मीठा बंधन है। इस: दिन सुबह से ही भाई-बहन के रस का प्रवाह होने लगता है। रक्षाबंधन सावन मास में आता है। सावन का संबंध झीनी घटा से है। आसमान में हल्की-हल्की घटाएँ छाई हुई है। इन घटाओं में बिजली चमक रही है। घटा का जो संबंध बिजली से है-वही संबंध भाई का बहन से होता. है। राखी के लच्छे भी बिजली की तरह चमकते हैं। जब बहन भाई की कलाई पर राखी बाँधती है तो ये लच्छे और भी चमक उठते हैं।

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Some More Questions From फिराक गोरखपुरी Chapter

बच्चा क्या करता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

नहला के छलके-छलके निर्मल जल से

उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके

किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को

जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।

माँ बच्चे के लिए क्या-क्या काम करती है?

बच्चा कब अपनी माँ के मुँह को प्यार से देखता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

दीपावली की शाम घर पुते और सजे

चीनी के खिलौने जगमगाते लावे

वो रूपवती मुखड़े पॅ इक नर्म दमक

बच्चे के घरौंदे में जलाती है दिए

दीपावली पर लोग क्या करते हैं?

दीपावली पर बच्चे माँ से क्या फरमाइश करते हैं?

माँ के चेहरे पर मुस्कराहट क्यों आ जाती है?

माँ बच्चे की फरमाइश को कैसे पूरी करती है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

आँगन में ठुनक रहा है जिदयाया है

बालक तो हई चाँद पॅ ललचाया है

दर्पण उसे दे के कह रही है माँ

देख आईने में चाँद उतर आया है।