सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
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बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?
‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।
शस्य अपार,
हिल-हिल,
खिल-खिल
हाथ हिलाते,
तुझे बुलाते,
तुझे बुलाते,
विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.
क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?
छोटे पौधे किनके प्रतीक हैं?
वे किस, किस प्रकार बुलाते हैं?
‘विप्लव रव’ किससे शोभा पाते है और क्यों?
सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-प्लावन,
क्षुद्र फुल्ल जलज से सदा छलकता नीर,
रोग-शोक में भी हँसता है
शैशव का सुकुमार शरीर।
कवि किन्हें आतंक भवन कहता है और क्यों?
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