कवि किन्हें आतंक भवन कहता है और क्यों?
कवि पूंजीपतियों के ऊँचे-ऊँचे विशाल भवनों को आतक- भवन कहता है। ये गरीबों (शोषित वर्ग) को आतंकित करने के अड्डे है। इनमें रहने वारने शोषक हैं।
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कवि किन्हें आतंक भवन कहता है और क्यों?
कवि पूंजीपतियों के ऊँचे-ऊँचे विशाल भवनों को आतक- भवन कहता है। ये गरीबों (शोषित वर्ग) को आतंकित करने के अड्डे है। इनमें रहने वारने शोषक हैं।
इस कविता में किसे संबोधित किया गया है?
कवि ने दुख की छाया की तुलना किससे की है और क्यों?
कवि ने बादल का ही आह्वान क्यों किया है?
क्रांति की गर्जना का क्या प्रभाव पड़ता है।
वर्षण है मूसलाधार
हृदय थाम लेता संसार
सुन-सुन घोर वज्र-हुंकार।
अशनि-पात से शायित उन्नत शत-शत-वीर,
क्षत-विक्षत-हत अचल-शरीर,
गगन-स्पर्शी स्पर्धा-धीर।
कवि ने बादलों का आहान क्यों किया है?
बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?
‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।
शस्य अपार,
हिल-हिल,
खिल-खिल
हाथ हिलाते,
तुझे बुलाते,
तुझे बुलाते,
विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.
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