Sponsor Area

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Question
CBSEENHN12026248

कवि ने दुख की छाया की तुलना किससे की है और क्यों?

Solution

कवि ने दुख की छाया की तुलना समुद्र के ऊपर बहने वाली हवा से की है। जिस प्रकार समुद्र का पानी हवा के प्रभाव से तरंगित होता रहता है, उसी प्रकार दुख की छाया पड़ने से सुख भी अस्थिर हो जाता है।

Some More Questions From सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Chapter

बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

हँसते हैं छोटे पौधे लधु भार-

शस्य अपार,

हिल-हिल,

खिल-खिल

हाथ हिलाते,

तुझे बुलाते,

तुझे बुलाते,

विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.




 

क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?

छोटे पौधे किनके प्रतीक हैं?

वे किस, किस प्रकार बुलाते हैं?

‘विप्लव रव’ किससे शोभा पाते है और क्यों?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

अट्टालिका का नहीं है रे
आतंक-भवन

सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-प्लावन,

क्षुद्र फुल्ल जलज से सदा छलकता नीर,

रोग-शोक में भी हँसता है

शैशव का सुकुमार शरीर।

कवि किन्हें आतंक भवन कहता है और क्यों?