Sponsor Area

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Question
CBSEENHN12026257

क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?

Solution

क्रांति की गर्जना पर शोषित वर्ग के लोग हंसते हैं अर्थात् प्रसन्न होते हैं।

Some More Questions From सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Chapter

कवि ने बादलों का आहान क्यों किया है?

बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

हँसते हैं छोटे पौधे लधु भार-

शस्य अपार,

हिल-हिल,

खिल-खिल

हाथ हिलाते,

तुझे बुलाते,

तुझे बुलाते,

विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.




 

क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?

छोटे पौधे किनके प्रतीक हैं?

वे किस, किस प्रकार बुलाते हैं?

‘विप्लव रव’ किससे शोभा पाते है और क्यों?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

अट्टालिका का नहीं है रे
आतंक-भवन

सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-प्लावन,

क्षुद्र फुल्ल जलज से सदा छलकता नीर,

रोग-शोक में भी हँसता है

शैशव का सुकुमार शरीर।