अवतार सिंह पाश
‘सबसे खतरनाक’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
इस कविता में कवि समाज में बढ़ती जा रही उस खौफनाक स्थिति की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करना चाहता है, जिसमें नृशंसता और क्रूरता बढ़ती चली जा रही है। हम इतने निष्क्रिय और तटस्थ होते चले जा रहे हैं कि प्रतिकूलताओं से संघर्ष करने की हमारी संकल्प-शक्ति क्षीण होती चली जा रही है। हम पथराई आँखों से सभी प्रकार का अन्याय देखते और झेलते हैं, पर तटस्थता बनाए रखते हैं, किसी भी प्रकार का प्रतिरोध दर्ज नहीं कराते। ऐसे में आत्मा के सवाल बेमानी हो जाते हैं। कवि उस स्थिति को सबसे अधिक खतरनाक मानता है, जिसमें प्यास के मर जाने तथा बेहतर भविष्य के सपने गुम हो जाते हैं। कवि चाहता है कि हम अन्याय का डटकर प्रतिरोध करें और तटस्थ भाव को त्यागें।
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वह चाँद सबसे खतरनाक क्यों होता है, जो हर हत्याकांड के बाद/आपकी आँखों में मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है?
कवि ने मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती से कविता का आरंभ करके फिर इसी से अंत क्यों किया?
कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?
समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए आपके क्या सुझाव हैं?
‘सबसे खतरनाक’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
क्या-क्या स्थितियाँ बुरी होते हुए भी सबसे खतरनाक नहीं हैं?
दी गयी कविता सबसे खतरनाक बातें क्या-क्या हैं?
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