‘सबसे खतरनाक’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
इस कविता में कवि समाज में बढ़ती जा रही उस खौफनाक स्थिति की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करना चाहता है, जिसमें नृशंसता और क्रूरता बढ़ती चली जा रही है। हम इतने निष्क्रिय और तटस्थ होते चले जा रहे हैं कि प्रतिकूलताओं से संघर्ष करने की हमारी संकल्प-शक्ति क्षीण होती चली जा रही है। हम पथराई आँखों से सभी प्रकार का अन्याय देखते और झेलते हैं, पर तटस्थता बनाए रखते हैं, किसी भी प्रकार का प्रतिरोध दर्ज नहीं कराते। ऐसे में आत्मा के सवाल बेमानी हो जाते हैं। कवि उस स्थिति को सबसे अधिक खतरनाक मानता है, जिसमें प्यास के मर जाने तथा बेहतर भविष्य के सपने गुम हो जाते हैं। कवि चाहता है कि हम अन्याय का डटकर प्रतिरोध करें और तटस्थ भाव को त्यागें।