पतझर में टूटी पत्तियाँ
गाँधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी उन्होंने अपने सारे आंदोलनों को व्यावहारिकता के स्तर से आदर्शों के स्तर पर चढ़कर चलाया था। इन्होंने कई आन्दोलन चलाए - भारत छोड़ों, सत्याग्रह, असहयोग आंदोंलन, दांडीमार्च और वे सफल भी हुए। उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपने आदर्शों का हथियार बनाया। उनके साथ भारत की सारी जनता थी। इन्हीं सिद्धांतों के बलबूते पर उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य से टक्कर ली। उन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलकर पूर्ण स्वराज की स्थापना की। उनके नेतृत्व में लाखों भारतीयों ने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया। देशवासी उनके नेतृत्व को स्वीकार करके गर्व का अनुभव करते थे।
Sponsor Area
Sponsor Area
Sponsor Area