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पतझर में टूटी पत्तियाँ

Question
CBSEENHN10002625

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
गांधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी; उदाहरण सहित इस बात की पुष्टि कीजिए।

Solution

गाँधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी उन्होंने अपने सारे आंदोलनों को व्यावहारिकता के स्तर से आदर्शों के स्तर पर चढ़कर चलाया था।  इन्होंने कई आन्दोलन चलाए - भारत छोड़ों, सत्याग्रह, असहयोग आंदोंलन, दांडीमार्च और वे सफल भी हुए। उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपने आदर्शों का हथियार बनाया। उनके साथ भारत की सारी जनता थी।  इन्हीं सिद्धांतों के बलबूते पर उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य से टक्कर ली। उन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलकर पूर्ण स्वराज की स्थापना की। उनके नेतृत्व में लाखों भारतीयों ने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया। देशवासी उनके नेतृत्व को स्वीकार करके गर्व का अनुभव करते थे।

Some More Questions From पतझर में टूटी पत्तियाँ Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -
जापान में जहाँ चाय पिलाई जाती है, उस स्थान की क्या विशेषता है? 

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए−
शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है?

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए−
चाजीन ने कौन-सी क्रियाएँ गरिमापूर्ण ढंग से पूरी कीं? 

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए−
'टी-सेरेमनी' में कितने आदमियों को प्रवेश दिया जाता था और क्यों?

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए−
चाय पीने के बाद लेखक ने स्वयं में क्या परिवर्तन महसूस किया?

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
गांधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी; उदाहरण सहित इस बात की पुष्टि कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
आपके विचार से कौन-से ऐसे मूल्य हैं जो शाश्वत हैं? वर्तमान समय में इन मूल्यों की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
अपने जीवन की किसी घटना का उल्लेख कीजिए जब -
शुद्ध आदर्श से आपको हानि-लाभ हुआ हो।

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
अपने जीवन की किसी घटना का उल्लेख कीजिए जब -
शुद्ध आदर्श में व्यावहारिकता का पुट देने से लाभ हुआ हो।

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
शुद्ध सोने में ताबे की मिलावट या ताँबें में सोना, गाँधीजी के आदर्श और व्यवहार के संदर्भ में यह बात किस तरह झलकती है? स्पष्ट कीजिए।