मनुष्यता
व्यक्ति को मानव की सेवा करते हुए, परोपकार का जीवन व्यतीत करना चाहिए, साथ ही अपने अभीष्ट मार्ग पर एकता के साथ बढ़ना चाहिए। अपने व्यक्तिगत स्वार्थो का त्याग कर दूसरों के हित का चिंतन करना चाहिए। धन संपति को लेकर कभी भी अहंकारी नही बनना चाहिए। जो व्यक्ति दूसरों की सहायता करते हैं, ईश्वर हमेशा उनके सहायक बनते हैं। इस दौरान जो भी विपत्तियॉ आऍं,उन्हें ढकेलते हुए आगे बढ़ते जाना चाहिए।
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Q11(क) बिहारी के दोहों की रचना मुख्यतः किन भावों पर आधारित है ? उनके मुख्य ग्रंथ और भाषा के नाम का उल्लेख कीजिये । (2)
(ख) 'मनुष्यता' कविता में कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा गया है और क्यों ? (2)
(ग) 'कर चले हम फिदा ' कविता में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है ? (1)
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) 'मनुष्यता' कविता में कवि ने किन महान व्यक्तियों के उदाहरणों से मनुष्यता के लिए क्या संदेश दिये हैं? किन्हीं तीन का उल्लेख कीजिए।
(ख) 'मनुष्यता' कविता में कवि ने सबको एक होकर चलने के प्रेरणा क्यों दी है? इसके क्या लाभ हैं? स्पष्ट कीजिए।
(ग) कवयित्री महादेवी वर्मा की कविता 'मधुर मधुर मेरे दीपक जल' का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
(घ) 'आत्मत्राण' कविता में कवि की क्या कामनाएँ हैं? अपने शब्दों में संक्षेप में लिखिए।
(क) 'बिहारी के दोहे' के आधार पर लिखिए की माला जपने और तिलक लगाने से क्या होता है। ईश्वर किससे प्रसन्न रहते हैं?
(ख) 'मनुष्यता' कविता में कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है?
(ग) 'आत्मत्राण' कविता में कोई सहायता न मिलने पर कवि की क्या प्रार्थना है?
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