निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: न जाने वह कौन-सी प्रेरणा थी, जिसने मेरे ब्राह्मण का गर्वोन्नत सिर उस तेली के निकट झुका दिया था। जब-जब वह सामने आता, मैं झुककर उससे राम-राम किए बिना नहीं रहता। माना, वे मेरे बचपन के दिन थे, किंतु ब्राह्मणता उस समय सोलहो कला से मुझ पर सवार थी। दोनों शाम संध्या की जाती, गायत्री का जाप होता, धूप हवन जलाए जाते, चंदन-तिलक किया जाता और इन सारी चेष्टाओं से ‘ब्रहम’ को जानकर पक्का ‘ब्राह्मण’ बनने की कोशिशें होतीं- ब्रहम जानाति ब्राह्मण:!
लेखक के बचपन से ही उन पर क्या सवार थी?
शौकीनी
ब्राह्मणता
पढ़ाकूपन
भक्तिभाव
Answer
Multi-choise Question
B.
ब्राह्मणता
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