रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत
भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के कई कारण रहे होंगे जैसे कि भगत समाज में प्रचलित रूढ़िवादी सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। वे भगवान के निराकार रूप को मानते थे जिसमें मनुष्य के अंत समय में आत्मा से परमात्मा का मिलन होता है। वे गृहस्थी होते हुए भी व्यवहार से साधु थे। वे सब चीजों की प्राप्ति में भगवान को सहायक मानते थे। जिन बातों को भगत मानते थे वही बातें कबीर जी ने अपनी वाणी में कही थीं इसलिए बालगोबिन भगत की कबीर जी में श्रद्धा थी।
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