निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: तुम्ह तौ कालु हॉक जनु लावा। बार बार मोहि लागि बोलावा। सुनत लखन के बचन कठोरा। परसु सुधारि धरेउ कर घोरा।। अब जनि देइ दोसु मोहि लोगु। कटुबादी बालकु बधजोगू ।। बाल बिलोकि बहुत मैं बाँचा। अब येहु मरनिहार भा साँचा।। कौसिक कहा छमिअ अपराधू। बाल दोष गुन गनहिं न साधू।। खर कुठार मैं अकरुन कोही। आगे अपराधी गुरुद्रोही।। उतर देत छोड़ौ बिनु मारे। केवल कौसिक सील तुम्हारे।। न त येहि काटि कुठार कठोरें। गुरहि उरिन होतेउँ श्रम थोरें।।
गाधिसू कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ। अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ।।
परशुराम ने अपने किन गुणों को बताया था?
Answer
Short Answer
परशुराम ने अपने गुणों को बताते हुए कहा था कि वे दया से रहित और क्रोधी स्वभाव के थे।
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