तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
लक्ष्मण ने परशुराम को सुझाव दिया था कि उसे अपना सुयश स्वयं अपने ही मुँह से प्रकट करना चाहिए था क्योंकि उनके स्वयं वहाँ रहते हुए उनके सुयश को ठीक-ठीक ढंग से और कोई नहीं प्रकट कर सकता था।
Sponsor Area
परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए-
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही।।
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा।।
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर।।
लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?
Sponsor Area
Sponsor Area