मंगलेश डबराल - संगतकार
अनुप्रास-कमजोर काँपती, दूर का कोई रिश्तेदार,
गायक की गरज में, संमेटता हो.......... हुआ सामान।
• उपमा - चट्टान जैसे भारी।
• रूपक - जटिल तानों के जंगल।
• उत्प्रेक्षा - जैसे समेटता हो.. हुआ सामान।
- जैसे उसे याद बचपन।
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कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाए-
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?
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