निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: छाया मत छूना मन, होगा दु:ख दूना। जीबन में हैं सुरंग सुधियाँ सुहावनी छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी: तन-सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी, कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी। भूली-सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण
‘छाया मत छूना’ का तात्पर्य स्पष्ट कीजिए।
Answer
Short Answer
‘छाया मत सूना’ से तात्पर्य पुरानी सुखद बातों को याद करने से है।
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