निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया। अलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया। जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में। अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में। उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की। सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की?
कवि के प्रिय का रूप कैसा था?
Answer
Short Answer
कवि का प्रिय अपार सुंदर था। उसके मतवाले लाल गाल तो ऐसे थे जैसे प्रात: के समय पूर्व दिशा की लाली भी उसी से प्राप्त की गई हो।
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