Question
कोई भी अपनी आत्मकथा लिख सकता है। उसके लिए विशिष्ट या बड़ा होना जरूरी नहीं। हरियाणा राज्य के गुड़गांव में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली बेबी हालदार की आत्मकथा बहुतों के द्वारा सराही गई। आत्मकथात्मक शैली में अपने बारे में कुछ लिखिए।
Solution
मैं अपने जीवन में कुछ ऐसा करना चाहती हूँ जिससे समाज में मेरा नाम हो, प्रतिष्ठा हो, और लोग मेरे कारण मेरे परिवार को पहचानें। जीवन तो सभी प्राणी भगवान से प्राप्त करते हैं। पशु भी जीवित रहते हैं पर उनका जीवन भी क्या जीवन है? अनजाने-से इस दुनिया में आते हैं और वैसे ही मर जाते हैं। मैं अपना जीवन ऐसे व्यतीत नहीं करना चाहती। मैं तो चाहती हूँ कि मेरी मृत्यु भी ऐसी हो जिस पर सभी गर्व करें और युगों तक मेरा नाम प्रशंसापूर्वक लेते रहें। मेरे कारण मेरे नगर और मेरे देश का नाम ख्याति प्राप्त करे। कल्पना चावला इस संसार में आई और चली गई। उसका धरती पर आना तो सामान्य था पर उसका यहाँ से जाना सामान्य नहीं था। आज उसे सारा देश ही नहीं सारा संसार जानता है। उसके कारण उसके नगर करनाल का नाम अब सभी की जुबान पर है। मैं भी चाहती हूँ कि मैं अपने जीवन में इतना परिश्रम करूँ कि मुझे विशेष पहचान मिले। मैं अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने देश की कीर्ति का कारण बनूँ।