सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - उत्साह
कवि ने बादलों को मानव जीवन को हरा-भरा बनाने वाले माना है। इसी से सारे प्राणी जीवन में सुख प्राप्त करते हैं। बादल एक तरफ पीड़ित-प्यासे लोगों की उम्मीदों को पूरा करते हैं तो दूसरी तरफ नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति-चेतना को संभव करते हैं।
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