सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - उत्साह

Question

पाठ में संकलित निराला की कविताओं के आधार पर विद्रोह के स्वर को स्पष्ट कीजिए।

Answer

निराला की कविता में विद्रोह का स्वर प्रधान है। कवि ने परंपराओं का विरोध करते हुए मुक्त छंद का प्रयोग हिंदी काव्य को प्रदान किया था। उसे लगा था कि ऐसा करना आवश्यक था क्योंकि नई काव्य परंपराएँ साहित्य का विस्तार करती हैं-
शिशु पाते हैं माताओं के
वक्षःस्थल पर भूला गान
माताएँ भी पाती शिशु के
अधरों पर अपनी मुसकान।
कवि ने बादलों के माध्यम से विद्रोह के स्वर को ऊँचा उठाया है। वह समझते थे इसी रास्ते पर चल कर समाज का कल्याण किया जा सकता है-
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन।
तप्त धरा, जल से फिर,
शीतल कर दो।
वास्तव में निराला जीवन पर्यत विद्रोह और संघर्ष के स्वर को कविता के माध्यम से प्रकट करते रहे थे।

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पाठ में संकलित निराला की कविताओं के आधार पर विद्रोह के स्वर को स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसकी सप्रसंग व्याख्या कीजिये:
बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा,   नूतन कविता
     फिर भर दो - 
     बाद, गरजो!
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के धन!
तप्त धरा, जल से फिर
   शीतल कर दो -
   बादल, गरजो !