निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ? क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ? सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्म-कथा? अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा।
कवि के जीवन में बड़ी-बड़ी कथाएँ क्यों नहीं थी?
Answer
Short Answer
कवि स्वभाव से विनम्र था। उनका हिंदी-साहित्य के प्रति बहुत बड़ा योगदान है पर अपनी विनम्रता के कारण वह मानता है कि उसके जीवन में कोई बड़ी-बड़ी कथाएँ नहीं थीं।
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