जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य
कवि ने अपने जीवन में किसी के प्रेम को प्राप्त करने का आभास दिया है जिसका परिचय वह किसी को नहीं देना चाहता।
Sponsor Area
(ख) जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
Sponsor Area
Sponsor Area