जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य
‘मधुप’ एक प्रतीकात्मक शब्द है। यह ‘मन’ को प्रकट करता है जो भंवरे के समान जहाँ-तहाँ उड़कर कहीं भी पहुँच जाता है।
Sponsor Area
(ख) जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
Sponsor Area
Sponsor Area