जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य
मुंशी प्रेमचंद ‘हंस’ नामक पत्रिका चलाया करते थे। वे उसके संपादक थे। सन् 1932 में उन्होंने पत्रिका का आत्मकथा विशेषांक निकालने का निर्णय किया था। प्रसाद जी के मित्रों ने आग्रह किया कि वे भी आत्मकथा लिखें पर प्रसाद जी को ऐसा करना उचित प्रतीत नहीं हुआ। वे विनम्र थे और उन्हें ऐसा लगता था कि उन्होंने ऐसा कुछ विशेष नहीं किया था जिससे लोगों की वाहवाही उन्हें मिलती। उनकी आत्मकथा न लिखने की इच्छा के-कारण ‘आत्मकथ्य’ की रचना हुई थी जिसे ‘हंस’ पत्रिका के आत्मकथा विशेषांक में छापा गया था।
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