नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया

Question

स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी? 

Answer

स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में लेखों की महत्तवपूर्ण भूमिका रही होगी।  जब वे मैना जैसी निडर बालिका के निर्मम वध की बात सुनते होंगे तो उनका हृदय करूणा से भर उठता होगा तथा जब अंग्रेज़ों के अत्याचारों को पढ़ते होंगे तो उनके विरुद्ध हो जाते होंगे। तब उनका मन त्याग, बलिदान और संघर्ष के लिए तैयार हो जाता होगा। यही भाव स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में मददगार सिद्ध हुआ होगा।

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'टाइम्स' पत्र ने 6 सितम्बर को लिखा था - 'बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी'। इस वाक्य में 'भारत सरकार' से क्या आशय है?

स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी? 

कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयारी करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़े।

इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेखिन आज अख़बारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप-
कोई दो खबरें किसी अख़बार से काटकर अपनी कॉपी में चिपकाए तथा कक्षा में पढ़कर सुनाइए।

इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेखिन आज अख़बारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप-
अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।

आप किसी ऐसे बालक / बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बहादुरी का काम किया हो?

भाषा और वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक रूप व्यक्त हुआ है जो लगभग 75-80 वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान मानक हिंदी रूप में लिखिए।