आप किसी ऐसे बालक / बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बहादुरी का काम किया हो?
हमारा देश पहले से वीरांगनाओं का देश रहा है। आज भी इनकी कमी नहीं है। ऐसी ही एक बहादुर लड़की ने अपनी जान पर खेल कर अपने मात्र चार वर्ष के भाई की जान बचाई। दिल्ली की नव वर्ष की बालिका महिका अपने परिवार के साथ केदारनाथ मंदिर में प्रार्थना कर रही थी। अचानक प्राकृतिक विपदा आन पड़ी वह अपने परिवार से बिछड़ गई। चारो तरफ सिर्फ पानी नजर आ रहा था वैसे में उसे अपने छोटे भाई के रोने की आवाज आई तैरना न आने के बावजूद वह बिना कुछ सोचे पानी में कूद गई। अपने भाई को ढूँढ के सुरक्षित स्थान पर ले गई। तीन दिन तक वह भूखे प्यासे अपने भाई को पकड़े बैठी रहीं। उसे राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार देकर सम्मनित किया गया।



