स्मृति - श्रीराम शर्मा
लेखक को बचपन में बबूल के डंडे से बहुत अधिक मोह था। उसे वह डंडा रायफल से भी अधिक प्रिय था। उसका कारण था कि वह उसके द्वारा अनेक साँप मार चुका था। इसके अलावा उसने अनेक बार आमों के पेड़ों से इसी डंडे की सहायता से आम तोड़े थे लेखक अपने डंडे को गरुड़ की संज्ञा देता था। उसे अपना डंडा सजीव प्रतीत होता था।
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