स्मृति - श्रीराम शर्मा

Question

भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस प्रकार का डर था?

Answer

जब लेखक झरबेरी से बेर तोड़ रहा था तभी गाँव के एक आदमी ने पुकार कर कहा कि तुम्हारे भाई बुला रहे हैं, शीघ्र चले आओ। भाई के बुलाने पर लेखक घर की ओर चल दिया पर उसके मन में डर था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उससे कौन सा कसूर हो गया। उसे आशंका थी कि कहीं बेर खाने के अपराध में उसकी पेशी न हो रही हो। उस बड़े भाई की मार का डर था।

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Some More Questions From स्मृति - श्रीराम शर्मा Chapter

मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी?

‘साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लेगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं'- यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?

किन कारणों से लेखक ने चिट्‌ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय लिया?

साँप का ध्यान बाँटने के लिए लेखक ने क्या-क्या युक्तियाँ अपनाई?

कुएँ में उतरकर चिट्‌ठियों को निकालने सबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए।

इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?

‘मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं’- का आशय स्पष्ट कीजिए।

‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’- पाठ के सदंर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए 

लेखक की चिट्‌ठियाँ कुएँ में क्यों गिर गई?

लेखक अपने बचपन में किस वस्तु से अधिक मोह रखता था और क्यों?