गीत-अगीत - रामधारी सिंह दिनकर
गूँज रहा शुक का स्वर वन में,
फूला मग्न शुकी का पर है।
गती, अगीत, कौन सुदंर है ?
शिल्प सौन्दर्य-
1. कवि मौन भावना के सौन्दर्य को व्यक्त करने में सफल रहा है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।
3. तत्सम प्रधान शब्दावली का प्रयोग किया गया है।
4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
5. भावात्मक व उदाहराणात्मक शैली का प्रयोग किया गया है।
6. भाषा सरल, सरस व प्रवाहमयी है।
7. चित्रात्मक होने के कारण वर्णन सजीव व रोचक बन पड़ा है।
8. अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है।
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