निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: उसे देखने मरघट को ही गया दौड़ता हुआ वहाँ, मेरे परिचित बंधु प्रथम ही फूँक चुके थे उसे जहाँ। बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी, हाय! फूल-सी कोमल बच्ची हुई राख की थी ढेरी!
सुखिया के शरीर का पिता के पहुँचने से पहले क्या किया जा चुका था?
शमशान में जला चुके थे
सगे-सम्बन्धियों ने उसका दाह-संस्कार कर दिया था
अन्तिम संस्कार कर दिया गया
चिता को आग दे चुके थे
Answer
Multi-choise Question
B.
सगे-सम्बन्धियों ने उसका दाह-संस्कार कर दिया था
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Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter