निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर मंदिर था विस्तीर्ण विशाल; स्वर्ण-कलश सरसिज विहसित थे पाकर समुदित रवि- कर- जाल। दीप- धूप से आमोदित था मंदिर का आँगन सारा; गूँज रही थी भीतर- बाहर मुखरित उत्सव की धारा। दीप-धूप से क्या आमोदित थी?
आँगन
कमरा
घर
बाहर
Answer
Multi-choise Question
A.
आँगन
Sponsor Area
Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter