निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: क्रमश: कंठ क्षीण हो आया, शिथिल हुए अवयव सारे, बैठा था नव-नव उपाय की चिंता में मैं मनमारे। जान सका न प्रभाव सजग से हुई अलस कब दोपहरी, स्वर्ण-घनों में कब रवि डूबा, कब आई संध्या गहरी।
‘स्वर्ण घन’ का अर्थ लिखो -
घन
सनहरी बदली
सुनहरा बादल
अधिक सोना
Answer
Multi-choise Question
D.
अधिक सोना
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