एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त
सुखिया के पिता अछूत वर्ग के व्यक्ति थे। मंदिर जैसे पवित्र स्थानों पर उनका जाना निषेध था। अछूतों के साथ समानता का व्यवहार नहीं किया जाता था। अछूत होकर भी सुखिया के पिता ने मन्दिर में प्रवेश पा लिया। लोगों के अनुसार उसने देवी माँ की पवित्रता नष्ट कर दी। एक प्रकार से यह देवी माँ का घोर अपमान था। इसलिए न्यायालय में आरोप लगाकर सात दिन का कारावास दे दिया।
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