अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास
पहले पद में भगवान और भक्त की चंदन-पानी. धन-वन-मौर, चंद्र-चकोर, दीपक-बाती, मोती-धागा, सोना-सुहागा आदि चीजों से तुलना की गई है। कवि ने अपनी भक्ति के माध्यम से प्रभु के नाम की लगन में रम जाने की इच्छा व्यक्त की है।
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रैदास के इन पदों का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
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